आम लोगों के लिए खोला गया भूतिया ‘मालचा महल’, यहां आज भी भटकती है बेगम विलायत महल की आत्मा!

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आम लोगों के लिए खोला गया भूतिया ‘मालचा महल’, यहां आज भी भटकती है बेगम विलायत महल की आत्मा!

आम लोगों के लिए खोला गया भूतिया ‘मालचा महल’, यहां आज भी भटकती है बेगम विलायत महल की आत्मा!

नई दिल्ली: अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो आपको दिल्ली से बाहर जाने की जरूरत नहीं है। अब दिल्ली में ही हॉन्टेड प्लेस की यात्रा शुरू हो गई है। पहले दिन आप दिल्ली के मालचा महल की सैर कर पाएंगे। यहां सीढ़ियों पर पसरा अंधेरा और महल के अंदर से आ रहीं डरावनी आवाजें आपको हैरान कर सकती हैं। यह महल नजारा नई दिल्ली इलाके से सटे मालचा मार्ग पर स्थित है। चारों तरफ घने पेड़ों से घिरे इस इलाके में बंदर, सियार, गाय, बैल समेत कई जानवरों की मौजूदगी रहती है। दिल्ली सरकार ने इस महल को हॉन्टेड प्लेस के रूप में बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन स्थल बना दिया है।

आज भी भटकती है बेगम की आत्मा

दिल्ली टूरिजम के मुताबिक, इस महल को 1325 में फिरोज शाह तुगलक ने अपने शिकारगाह के रूप में बनवाया था, लेकिन 1985 में खुद को अवध के नवाब रहे शाही परिवार का सदस्य होने का दावा करते हुए महिला बेगम विलायत महल अपने एक बेटा और बेटी के साथ यहां रहने लगी। इसके बाद इस जगह को ‘विलायत महल’ के नाम से जाना जाने लगा। वह महिला बिना रोशनी-पानी के अपने लगभग करीब 10 कुत्तों के साथ यहां रहती थी। बताया जाता है कि बेगम विलायत की मौत के बाद उनका शव 10 दिन तक पड़ा रहा। स्थानीय लोगों का मानना है कि मालचा महल में बेगम विलायत महल की आत्मा आज भी भटकती है। ये महल मुख्य मार्ग से करीब डेढ़ किलोमीटर अंदर है।

महल से आती हैं डरावनी आवाजें

महल से आती हैं डरावनी आवाजें

कहा जाता है कि बेगम विलायत महल ने आत्म हत्या की थी। इसके बाद उनके बेटों ने उनके शव को दफनाया नहीं और शव पर लेप लगाकर उसे ठीक रखने की कोशिश की। चूंकि बेगम का अंतिम संस्कार ठीक से नहीं हुआ इसलिए लोगों को लगता है कि आज भी उनकी आत्मा यहां भटकती है। यहां का सूनसान रास्ता, झाड़ियां और बड़े-बड़े पेड़ बेहद डरावना है। महल में जाने के लिए करीब एक किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है इसके बाद सीढ़ियों की मदद से ऊपर जाना पड़ेगा। थोड़ा आगे चलने पर पीछे का रास्ता भी नहीं दिखता क्यों कि उसकी डिजाइन इस तरह का है। महल के आसपास की डरावनी आवाजें सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

राष्ट्रपति भवन का दीदार

राष्ट्रपति भवन का दीदार

हॉन्टेड हाउस की छत पर जाने के लिए छोटी-छोटी छह सीढ़ियां बनाई गई हैं। यहां से राष्ट्रपति भवन भी दिखता है। साथ ही नई दिल्ली की एक खूबसूरत तस्वीर यहां से आप देख सकेंगे। अधिकारियों के अनुसार, पर्यटन विभाग भूली भटियारी का महल, फिरोज शाह कोटला और तुगलकाबाद किले में इसी तरह के भूतिया स्थलों के लिए अन्य सैर शुरू करने की योजना बना रहा है, जिनमें से सभी खौफनाक किंवदंतियों से भरे हुए हैं। दिल्ली पर्यटन इन भ्रमणों के माध्यम से शहर के चमत्कारों, इसकी विरासत, कला और शिल्प, विविध व्यंजनों और संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। द हॉन्टेड वॉक पहले से मौजूद हेरिटेज वॉक का विस्तार है।

800 रुपये एंट्री फीस

800-

दिल्ली टूरिजम के मुताबिक, इस महल की सैर करने के लिए शाम 5:30 से 7 बजे तक समय निर्धारित किया गया है। जहां प्रत्येक व्यक्ति का एंट्री फीस 800 रुपये तय की गई है। इसमें एक गाइड और बैग मुहैया कराया जाएगा। बैग में पानी की एक बोतल, जूस, एक फल, टोपी समेत कई चीजें दी जाएंगी। महल में कम से कम 6 लोगों का एक ग्रुप और अधिक से अधिक 20 लोगों का ग्रुप प्रवेश कर सकता है।

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