आमदनी बढ़ाने को क्लस्टर में खेती करें किसान : पूर्णेन्दु

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आमदनी बढ़ाने को क्लस्टर में खेती करें किसान : पूर्णेन्दु

आमदनी बढ़ाने को क्लस्टर में खेती करें किसान : पूर्णेन्दु

लहेरियासराय। जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम 2024 का आयोजन सोमवार को दरभंगा…

हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाTue, 28 May 2024 01:30 AM

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लहेरियासराय। जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम 2024 का आयोजन सोमवार को दरभंगा ऑडिटोरियम में किया गया। पटना से आए मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक (रसायन) जैविक एवं कंपोस्ट, बिहार पूर्णेन्दु नाथ झा ने किसानों से आमदनी बढ़ाने के लिए क्लस्टर में खेती करने की अपील की।
उन्होंेने कहा कि इस कर्मशाला का मुख्य उद्देश्य है किसानों के लिए जितनी भी योजनाएं चल रही हैं उनकी जानकारी कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार तक पहुंचे ताकि इन लोगों के माध्यम से योजनाओं की जानकारी किसानों को मिल सके। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि क्लस्टर में खेती करने से पहले क्लस्टर की मिट्टी जांच अवश्य करवा लें। उन्होंने कहा कि सभी कृषि कर्मियों को हर हाल में विभाग के लक्ष्य को पूरा करना है। उनके काम का आकलन कृषि अधिकारी करेंगे। जिसका प्रदर्शन खराब होगा, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जिला कृषि पदाधिकारी बिपिन बिहारी सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष खरीफ व रबी कर्मशाला का आयोजन किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है पिछले एक साल में कौन-कौन सी नई तकनीकी आई है। डीएओ ने कहा कि जिले का अधिकतर क्षेत्र बाढ़ प्रभावित है। यहां पोखर व तालाब की संख्या अधिक है। ऐसे में किसानों को पारंपरिक फसल के अलावा मखाना व मत्स्यपालन की खेती करनी चाहिए। नाबार्ड की डीडीएम राजनंदनी ने बताया कि यहां के लोगों को फसल का भंडारण करने में समस्या होती है। इसके लिए किसानों को अनाज भंडारण के लिए 25 से 35 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। सहायक निदेशक उद्यान नीरज कुमार झा ने उद्यान विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी। सहायक निदेशक बीज विश्लेषण अमित रंजन ने कहा कि बीज की बुआई से पहले उसका उपचार आवश्यक है।सहायक निदेशक पौधा संरक्षण मो. शाहिद जमाल ने पौधे में होने वाले बीमारी व उपाय के बारे में बताया। सहायक निदेशक रसायन मिट्टी जांच प्रयोगशाला डॉ. अनु ने किसानों को मिट्टी जांच कर आवश्यक उर्वरक उपयोग करने की सलाह दी। क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, बिरौल के सहायक प्राध्यापक डॉ. मो. साजिद हुसैन ने कहा कि गेहूं की तरह धान की सीधी बुआई करें। जाले कृषि विज्ञान केंद्र से आए वरीय वैज्ञानिक डॉ. दिव्यांशु शेखर ने कहा कि धान की खेती में बीज के प्रभेद का चुनाव महत्वपूर्ण है।मौके पर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी हरिमोहन मिश्रा, सहायक निदेशक प्रक्षेत्र नगमा सदाफ, उप परियोजना निदेशक अंबा कुमारी सहित सभी बीएओ, एटीएम, बीटीएम, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार आदि मौजूद थे।

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