आपके पार्षद की सक्रियता ही तय करेगी वार्ड की रैंक | The activism of your councilor will decide the rank of the ward | Patrika News

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आपके पार्षद की सक्रियता ही तय करेगी वार्ड की रैंक | The activism of your councilor will decide the rank of the ward | Patrika News

आपके पार्षद की सक्रियता ही तय करेगी वार्ड की रैंक | The activism of your councilor will decide the rank of the ward | Patrika News

इंदौरPublished: May 12, 2023 12:31:36 am

– स्वच्छ वार्ड प्रतियोगिता के लिए निगम ने बदले नियम
– 13 से 20 मई तक अब पार्षदों को भरना होगा गुगल लिंक से जानकारी

नगर निगम का पार्षद प्रशिक्षण शिविर

नगर निगम का पार्षद प्रशिक्षण शिविर

इंदौर. स्वच्छता सर्वे के लिए तैयारी कर रहे नगर निगम ने शहर के सबसे स्वच्छ वार्ड की गणना के नियमों में बदलाव कर दिया है। अब सबसे स्वच्छ वार्ड को तय करने का नया नियम बनाया गया है। जिसमें वार्ड के पार्षद का सक्रिय होना जरूरी है। पार्षद को देखना होगा कि उनके वार्ड में सुबह कचरा गाड़ी समय पर आ रही है या नहीं, कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर कब पहुंच रहा है, सफाई कब हो रही है, कर्मचारी हैं या नहीं। पार्षदों को 13 से 20 मई तक गुगल लिंक के जरिए अपने वार्ड में काम की स्थिति को बताना होगा, उसके हिसाब से उन्हें 1 हजार में से नंबर दिए जाएंगे। इसके आधार पर ही शहर का सबसे स्वच्छ वार्ड तय होगा।
गुरुवार को नगर निगम ने पार्षदों के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाया था। महापौर पुष्यमित्र भार्गव की पहल पर लगे इस शिविर में पार्षदों को न सिर्फ स्वच्छता से जुड़ी जानकारी दी गई, बल्कि नगर निगम की कार्यप्रणाली और डिजिटल सिटी बनाने में किस तरह से सहयोग कर सकते हैं, उस पर भी चर्चा की गई। लगभग 7 घंटे चले इस शिविर के दौरान अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों और भाजपा के नेताओं ने भी पार्षदों को जानकारी दी। हालांकि इस शिविर में केवल भाजपा के ही पार्षद मौजूद थे। कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद शिविर में शामिल नहीं हुए।
किसने क्या कहा
पुष्यमित्र भार्गव, महापौर : इंदौर के वर्तमान व पूर्व के क्षेत्रफल, बजट व विकास के स्वरूप में बहुत बडा अंतर है। इंदौर की स्वच्छता इंदौर की ब्रांड है, स्वच्छता का सिरमौर बने रहना हमारे लिये चुनौती है। उन्होंने कहा कि शहर विकास के साथ ही डिजिटल इंदौर के लिये भी सभी पार्षदों को काम करना है, वर्तमान में आईटी तथा सोशल मीडिया के माध्यम से किस प्रकार से अपने आपको अपडेट करना है, सोशल मीडिया का बेहद महत्व है, जनप्रतिनिधियों को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय कर शहर विकास में अपनी भूमिका स्थापित करनी है।
शंकर लालवानी, सांसद : मैं प्रथम बार पार्षद बना तो मैंने उस वक्त के बजट की राशि को जनता के ऐसे कामों को चुना जो भविष्य में समस्याओं को निराकृत करने के साथ ही वृहद स्तर पर जनता को फायदा पहुंचाएं। वर्तमान में सांसद हूं, आज केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नागरिकों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
जयपालसिंह चावड़ा, आईडीए अध्यक्ष : शहरहित के लिए छोटे-बडे निर्णय लिए जाते हैं, उन पर अमल करते हुए काम करना और संयम के साथ समन्वय बनाना बेहद जरूरी है।
अफसरों और एक्सपर्ट ने भी दिया प्रशिक्षण
इस दौरान रिटायर आइएएस अधिकारी सीबी सिंह ने पार्षदों को किस प्रकार से वार्ड क्षेत्र में कार्यों का चयन करना, निर्माण कार्यों की फाईल बनाना, लोकाचार के साथ ही जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों में किस प्रकार से समन्वय बनाने की जानकारी दी। वहीं अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने वार्ड स्तरीय स्वच्छता प्रतियोगिता की कार्य योजना व रोडमेप के संबंध में प्रेजेंटेशन के जरिए जानकारी दी। आईटी विशेषज्ञ हर्षा ने कहा कि वर्तमान युग, डिजिटल युग है, इस में आईटी का महत्वपूर्ण योगदान है, शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने तथा योजना का लाभ पहुंचाने में आईटी का महत्वपूर्ण योगदान है। जनता के साथ सोशल कनेक्टिविटी के माध्यम से नेटवर्क और सोशल मीडिया से जनप्रतिनिधियों को जोडऩे के बारे में बताया। वहीं अपर आयुक्त अभिषेक गेहलोत ने भी निगम के आइटी से जुड़े कामों की जानकारी दी।
ताई ने भी दी सलाह
पार्षदों के प्रशिक्षण शिविर में पहुंची भाजपा नेता सुमित्रा महाजन ने जहां पार्षदों को सीख दी कि नागरिक जब जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्या सुनाते हैं तो उसे धीर गम्भीर होकर सुनने के साथ ही उसके निराकरण के लिए भी काम किया जाना चाहिए। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष महाजन ने इस दौरान भाजपा संगठन को इशारों में ही सलाह दे दी। उन्होंने इस दौरान कहा कि उसी महिला को पद दो जो खुद अपने वाहन से चलकर कही भी आ जा सके। जब मैं पार्षद थी तब मैं लूना से ही पूरे क्षेत्र में काम करती थी। जो महिला खुद वाहन चलाकर मेरे पास व पार्टी ऑफिस आती थी, मैं उसी को साड़ी देती थी। ताई ने कहा कि मैं ये नहीं पूछूगीं की कितने एमआसी के सदस्य यहां मौजूद हैं, लेकिन मैं ये जरूर कहुंगी कि 100 फीसदी सदस्यों को होना चाहिए। आईटी का जमाना आ गया है। सभी नई-नई तकनीकों को समझें और अपने वार्ड में क्या नया कर सकते हो इस पर विचार करें।

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