आपकी बात…राजनीति में सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए ? | What should be done to reform politics | News 4 Social h3>
चुनावों में पारदर्शिता हैं जरूरी
लोकतंत्र में राजनीति में गुणवत्ता के लिए चुनावों में पारदर्शिता लानी चाहिए। राजनीतिक दलों को चुनावी फण्ड मिलता है, उसमें पारदर्शिता होनी चाहिए। अन्यथा राजनीतिक दलों को दिए गए इसी वित्तपोषण से भ्रष्टाचार का जन्म होता है। राजनीतिक दलों को ऐसे वायदे नहीं करने चाहिए, जो बाद में पूरे न हो सकें। शासन को अधिक जवाबदेह बनाकर कानूनों की खामियों को भी दूर करना चाहिए।
राहुल कुमार पालीवाल, राजसमंद
………………………………………………..
दोहरे चरित्र वाले नेताओं का हो बहिष्कार
इसके लिए आम जनमानस को भ्रष्ट और दोहरे चरित्र के नेताओं के खिलाफ आवाज बुलंद करना होगी। निष्ठावान व समर्पित राजनीतिज्ञों को समर्थन देकर उन्हें अवसर देना चाहिए। अच्छे व चरित्रवान नेताओं को ही चुनना चाहिए।
—सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ एमसीबी छत्तीसगढ़
…………………………………..
राजनेताओं को वेतन व अन्य सुविधाएं न मिलें
राजनीतिक नेताओं को केवल देशसेवा व जनसेवा के लिए आगे आना चाहिए। उन्हें वेतन—भत्ते व अन्य सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। जो केवल सेवा ही करना चाहते हों, उनका ही चुनाव हो न कि सत्तालोलुप व भ्रष्ट नेताओं का। अपराधी प्रवृत्ति वाले नेताओं को टिकट नहीं मिले।
—रक्षिता राजावत, पाली
……………………………………………………..
पात्रता और योग्यता तय हों
राजनीति में आने के लिए पात्रता और योग्यता तय करनी चाहिए। दागी व अपराधियों को इससे दूर करना चाहिए। योग्यता आधारित टिकट मिले। इसमें स्नातक के साथ दस साल की राजनीतिक योग्यता, एनजीओ में कार्य करने का अनुभव, शिक्षा के क्षेत्र, सरकारी क्षेत्र, प्रशासनिक अनुभव आदि को प्राथमिकता मिले। पढे—लिखे लोग ही राजनीति में आने चाहिए। यदि कोई दल बदल लेता है तो उसे उस राजनीतिक दल से आगामी दस सालों तक टिकट नहीं मिलना चाहिए।
अनवर हुसैन, इंदौर एयरपोर्ट ,मध्य प्रदेश
………………………………………….
स्थानीय मुदृदों को महत्व देना चाहिए
उम्मीदवारों की दल बदल की नीति रोकना चाहिए। प्रत्याशियों को एक—दूसरे पर गलत भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जनता के हितों के लिए अपने वार्ड या क्षेत्र के लिए विजन पेश करना चाहिए। स्थानीय स्तर पर जनता की क्या मदद हो सकती है, यह देखना चाहिए। राजनीति में शिक्षित व सेवाभावी लोग आगे आने चाहिए। इससे समाज व क्षेत्र का विकास होगा।
— त्रिलोक चंदेल, कोटा राजस्थान
…………………………………………….
जनता की समस्याओं का हो निराकरण
सर्वप्रथम मतदाताओं को शिक्षित और राजनीतिक घटनाक्रमों के प्रति जागरुक होना होगा। कोई भी नेता पूर्ण रूप से ईमानदार नही है। ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना होगा जो जनता की समस्याओ के निराकरण को प्राथमिकता देता हो।
विनायक गोयल, रतलाम, मध्यप्रदेश
………………………………………………..
दल बदलुओं को दूसरे दल में पांच वर्ष पूरे होने पर ही टिकट दिया जाए
असमाजिक तत्वों को राजनीति में जगह नहीं दी जानी चाहिए। दल बदलू को एक दल में पांच वर्ष पूर्ण होने पर ही दूसरे दल से टिकट देेने का प्रावधान हो। जातिवाद, को राजनीति से दूर रखा जाए। लोकतंत्र का मतलब चुनाव में जीत हासिल करना नहीं हो। जनता के प्रतिनिधि के रूप में जन कल्याण के लिए कार्य करने वाला होना चाहिए।
— दिलीप शर्मा, भोपाल,मध्यप्रदेश
राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News
चुनावों में पारदर्शिता हैं जरूरी
लोकतंत्र में राजनीति में गुणवत्ता के लिए चुनावों में पारदर्शिता लानी चाहिए। राजनीतिक दलों को चुनावी फण्ड मिलता है, उसमें पारदर्शिता होनी चाहिए। अन्यथा राजनीतिक दलों को दिए गए इसी वित्तपोषण से भ्रष्टाचार का जन्म होता है। राजनीतिक दलों को ऐसे वायदे नहीं करने चाहिए, जो बाद में पूरे न हो सकें। शासन को अधिक जवाबदेह बनाकर कानूनों की खामियों को भी दूर करना चाहिए।
राहुल कुमार पालीवाल, राजसमंद
………………………………………………..
दोहरे चरित्र वाले नेताओं का हो बहिष्कार
इसके लिए आम जनमानस को भ्रष्ट और दोहरे चरित्र के नेताओं के खिलाफ आवाज बुलंद करना होगी। निष्ठावान व समर्पित राजनीतिज्ञों को समर्थन देकर उन्हें अवसर देना चाहिए। अच्छे व चरित्रवान नेताओं को ही चुनना चाहिए।
—सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ एमसीबी छत्तीसगढ़
…………………………………..
राजनेताओं को वेतन व अन्य सुविधाएं न मिलें
राजनीतिक नेताओं को केवल देशसेवा व जनसेवा के लिए आगे आना चाहिए। उन्हें वेतन—भत्ते व अन्य सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। जो केवल सेवा ही करना चाहते हों, उनका ही चुनाव हो न कि सत्तालोलुप व भ्रष्ट नेताओं का। अपराधी प्रवृत्ति वाले नेताओं को टिकट नहीं मिले।
—रक्षिता राजावत, पाली
……………………………………………………..
पात्रता और योग्यता तय हों
राजनीति में आने के लिए पात्रता और योग्यता तय करनी चाहिए। दागी व अपराधियों को इससे दूर करना चाहिए। योग्यता आधारित टिकट मिले। इसमें स्नातक के साथ दस साल की राजनीतिक योग्यता, एनजीओ में कार्य करने का अनुभव, शिक्षा के क्षेत्र, सरकारी क्षेत्र, प्रशासनिक अनुभव आदि को प्राथमिकता मिले। पढे—लिखे लोग ही राजनीति में आने चाहिए। यदि कोई दल बदल लेता है तो उसे उस राजनीतिक दल से आगामी दस सालों तक टिकट नहीं मिलना चाहिए।
अनवर हुसैन, इंदौर एयरपोर्ट ,मध्य प्रदेश
………………………………………….
स्थानीय मुदृदों को महत्व देना चाहिए
उम्मीदवारों की दल बदल की नीति रोकना चाहिए। प्रत्याशियों को एक—दूसरे पर गलत भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जनता के हितों के लिए अपने वार्ड या क्षेत्र के लिए विजन पेश करना चाहिए। स्थानीय स्तर पर जनता की क्या मदद हो सकती है, यह देखना चाहिए। राजनीति में शिक्षित व सेवाभावी लोग आगे आने चाहिए। इससे समाज व क्षेत्र का विकास होगा।
— त्रिलोक चंदेल, कोटा राजस्थान
…………………………………………….
जनता की समस्याओं का हो निराकरण
सर्वप्रथम मतदाताओं को शिक्षित और राजनीतिक घटनाक्रमों के प्रति जागरुक होना होगा। कोई भी नेता पूर्ण रूप से ईमानदार नही है। ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना होगा जो जनता की समस्याओ के निराकरण को प्राथमिकता देता हो।
विनायक गोयल, रतलाम, मध्यप्रदेश
………………………………………………..
दल बदलुओं को दूसरे दल में पांच वर्ष पूरे होने पर ही टिकट दिया जाए
असमाजिक तत्वों को राजनीति में जगह नहीं दी जानी चाहिए। दल बदलू को एक दल में पांच वर्ष पूर्ण होने पर ही दूसरे दल से टिकट देेने का प्रावधान हो। जातिवाद, को राजनीति से दूर रखा जाए। लोकतंत्र का मतलब चुनाव में जीत हासिल करना नहीं हो। जनता के प्रतिनिधि के रूप में जन कल्याण के लिए कार्य करने वाला होना चाहिए।
— दिलीप शर्मा, भोपाल,मध्यप्रदेश