आनंदपाल गुट से मिलीभगत, दो सौ बीघा जमीन गुपचुप कुर्की से मुक्त | Anandpal group’s 200 bigha land free from attachment | News 4 Social h3>
जयपुरPublished: Aug 19, 2023 08:08:15 pm
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एसडीएम लाडनूं ने तीन माह पहले दिए आदेश, तबादले से तीन दिन पहले पहुंचाया थाने, इसी सप्ताह मामला उजागर हुआ तो जानकारी छिपाने वाला थानाधिकारी निलम्बित। खुलासे के बाद एसपी-कलक्टर पहुंचे मौके पर, जमीन फिर कर दी कुर्क।
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आनंदपाल गुट से मिलीभगत, दो सौ बीघा जमीन गुपचुप कुर्की से मुक्त
जयपुर. सात साल पहले पुलिस मुठभेड़ में मारे गए आनंदपाल से जुड़े लोगों ने मिलीभगत कर करीब दो सौ बीघा जमीन कुर्की से मुक्त करवा ली। गुपचुप जारी किए गया आदेश तीन माह तक एसडीएम कार्यालय में दबाए रखा। एसडीएम के तबादले से तीन दिन पहले 27 जुलाई को यह आदेश थाने पहुंचा। थानाधिकारी ने भी कागजों में पालना बताई और जमीन पर लगे कुर्की के बोर्ड हटाकर थाने में छिपा दिए। मौक पर काम शुरू होने की तैयारी देख दो दिन पहले मामला खुला तो जिला एसपी मौके पर पहुंचे। रेंज आईजी ने थानाधिकारी, दो हेड कांस्टेबल को निलम्बित कर दिया। पुलिस की अर्जी पर एसडीएम ने फिर कुर्की के आदेश जारी किए। एसडीएम की भूमिका की जांच होना अभी बाकी है।
करोड़ों रुपए की यह जमीन लाडनूं में है। जमीन आनंदपाल से जुड़े रहे निर्मल भरतिया व अन्य लोगों के नाम है। पुलिस की अर्जी पर एसडीएम लाडनूं ने इस जमीन को वर्ष 2016 में कुर्क की थी।
अप्रेल में आदेश, तबादले के तीन दिन पहले थाने भेजा
तत्कालीन एसडीएम अनिल कुमार ने जमीन को कुर्की से मुक्त करने के आदेश 21 अप्रेल में जारी किए थे। आदेश में यह भी लिखा है कि कई नोटिस के बावजूद पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट ही पेश नहीं की। हालांकि कुर्की से मुक्त करने के आदेश की प्रति पालना के लिए थाने नहीं भेजी गई। अनिल कुमार का 30 जुलाई को तबादला हुआ, जिससे तीन दिन पहले 27 जुलाई को आदेश लाडनूं थाने भेजा।
थानाधिकारी ने भी चुप्पी साधी, पांच दिन बाद पालना
थानाधिकारी शम्भू सिंह ने भी आदेश की जानकारी किसी को नहीं दी। फिर मिलीभगत कर दो अगस्त को कुर्की से मुक्त करने की कार्रवाई को अंजाम दिया। मौके पर जो बोर्ड लगे थे उन्हें उखाड़ कर थाने में छिपा दिया। मौके पर गुरुवार को निर्माण कार्य शुरू होने लगा तो मामला उजागर हुआ। इसके बाद एसपी प्रवीण नायक व एडीएम मौके पर पहुंचे। थाने के रिकॉर्ड में नौ पुलिसकर्मी मौके पर जाना बताया, जबकि मौके पर दो जवानों को ही लेकर गए थे। मामला खुला तो रेंज आईजी लता मनोज ने थानाधिकारी शम्भू सिंह को निलम्बित कर दिया। आरोपी पक्ष से बातचीत कराने में मध्यस्थ बने दो हेड कांस्टेबल को भी निलम्बित किया गया है।
शुक्रवार को फिर लिया रिसीवरी में
पूरा मामला उजागर होने पर पुलिस उच्चाधिकारी ने तत्काल जमीन को फिर कुर्की कराने के आदेश दिए। इसके बाद एसडीएम के यहां प्रार्थना पत्र पेश किया गया। कुर्की आदेश होने पर शुक्रवार को ही मौके पर पुलिस ने फिर बोर्ड लगा दिया है।
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जयपुरPublished: Aug 19, 2023 08:08:15 pm
एसडीएम लाडनूं ने तीन माह पहले दिए आदेश, तबादले से तीन दिन पहले पहुंचाया थाने, इसी सप्ताह मामला उजागर हुआ तो जानकारी छिपाने वाला थानाधिकारी निलम्बित। खुलासे के बाद एसपी-कलक्टर पहुंचे मौके पर, जमीन फिर कर दी कुर्क।
आनंदपाल गुट से मिलीभगत, दो सौ बीघा जमीन गुपचुप कुर्की से मुक्त
जयपुर. सात साल पहले पुलिस मुठभेड़ में मारे गए आनंदपाल से जुड़े लोगों ने मिलीभगत कर करीब दो सौ बीघा जमीन कुर्की से मुक्त करवा ली। गुपचुप जारी किए गया आदेश तीन माह तक एसडीएम कार्यालय में दबाए रखा। एसडीएम के तबादले से तीन दिन पहले 27 जुलाई को यह आदेश थाने पहुंचा। थानाधिकारी ने भी कागजों में पालना बताई और जमीन पर लगे कुर्की के बोर्ड हटाकर थाने में छिपा दिए। मौक पर काम शुरू होने की तैयारी देख दो दिन पहले मामला खुला तो जिला एसपी मौके पर पहुंचे। रेंज आईजी ने थानाधिकारी, दो हेड कांस्टेबल को निलम्बित कर दिया। पुलिस की अर्जी पर एसडीएम ने फिर कुर्की के आदेश जारी किए। एसडीएम की भूमिका की जांच होना अभी बाकी है।
करोड़ों रुपए की यह जमीन लाडनूं में है। जमीन आनंदपाल से जुड़े रहे निर्मल भरतिया व अन्य लोगों के नाम है। पुलिस की अर्जी पर एसडीएम लाडनूं ने इस जमीन को वर्ष 2016 में कुर्क की थी।
अप्रेल में आदेश, तबादले के तीन दिन पहले थाने भेजा
तत्कालीन एसडीएम अनिल कुमार ने जमीन को कुर्की से मुक्त करने के आदेश 21 अप्रेल में जारी किए थे। आदेश में यह भी लिखा है कि कई नोटिस के बावजूद पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट ही पेश नहीं की। हालांकि कुर्की से मुक्त करने के आदेश की प्रति पालना के लिए थाने नहीं भेजी गई। अनिल कुमार का 30 जुलाई को तबादला हुआ, जिससे तीन दिन पहले 27 जुलाई को आदेश लाडनूं थाने भेजा।
थानाधिकारी ने भी चुप्पी साधी, पांच दिन बाद पालना
थानाधिकारी शम्भू सिंह ने भी आदेश की जानकारी किसी को नहीं दी। फिर मिलीभगत कर दो अगस्त को कुर्की से मुक्त करने की कार्रवाई को अंजाम दिया। मौके पर जो बोर्ड लगे थे उन्हें उखाड़ कर थाने में छिपा दिया। मौके पर गुरुवार को निर्माण कार्य शुरू होने लगा तो मामला उजागर हुआ। इसके बाद एसपी प्रवीण नायक व एडीएम मौके पर पहुंचे। थाने के रिकॉर्ड में नौ पुलिसकर्मी मौके पर जाना बताया, जबकि मौके पर दो जवानों को ही लेकर गए थे। मामला खुला तो रेंज आईजी लता मनोज ने थानाधिकारी शम्भू सिंह को निलम्बित कर दिया। आरोपी पक्ष से बातचीत कराने में मध्यस्थ बने दो हेड कांस्टेबल को भी निलम्बित किया गया है।
शुक्रवार को फिर लिया रिसीवरी में
पूरा मामला उजागर होने पर पुलिस उच्चाधिकारी ने तत्काल जमीन को फिर कुर्की कराने के आदेश दिए। इसके बाद एसडीएम के यहां प्रार्थना पत्र पेश किया गया। कुर्की आदेश होने पर शुक्रवार को ही मौके पर पुलिस ने फिर बोर्ड लगा दिया है।