आज का एक्सप्लेनर: पाकिस्तान से आतंकी हमला हुआ तो क्या जंग छेड़ देगा भारत; क्या है ‘एक्ट ऑफ वॉर’, क्या ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी h3>
10 मई की शाम को सीजफायर के ऐलान के बाद भारत सरकार ने फैसला लिया कि अब पाकिस्तान की जमीन से कोई आतंकी हमला हुआ तो हम उसे ‘एक्ट ऑफ वार’ यानी जंग की कार्रवाई मानेंगे। कई मीडिया रिपोर्ट्स में सरकार के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी गई। पीएम मोदी ने भी
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आतंकी हमले को एक्ट ऑफ वॉर मानने के क्या मायने, अब कोई हमला हुआ तो क्या भारत जंग छेड़ देगा, जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…
सवाल-1: सीजफायर के बाद सेना और विदेश मंत्रालय ने क्या कहा था?
जवाब: 10 मई की शाम 5 बजकर 25 मिनट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया ट्रुथ पर पोस्ट किया, ‘भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए राजी हो गए हैं।’
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भी इसकी पुष्टि की। लगभग इसी समय कई मीडिया रिपोर्ट्स में भारत सरकार के ‘हाई लेवल सोर्सेज’ के हवाले से कहा गया, ‘सरकार ने ये फैसला किया है कि अब अगर देश में कोई भी आतंकी हमला हुआ तो उसे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ यानी भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।’
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री आवास में पीएम मोदी ने एक हाईलेवल की बैठक बुलाई गई थी। उसी के बाद यह फैसला लिया गया है। इस मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सशस्त्र सेना प्रमुख मौजूद थे। ये मीटिंग करीब डेढ़ घंटे चली।
सवाल-2: ‘एक्ट ऑफ वॉर’ किसे कहा जाता है?
जवाब: भारत या दुनिया में युद्ध की कार्रवाई या एक्ट ऑफ वॉर की कोई सटीक परिभाषा नहीं है।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल रामेश्वर रॉय कहते हैं कि दुनिया में अक्सर जब दो देशों के बीच कोई मुद्दा नहीं सुलझता तो जंग शुरू हो जाती है। इसका कोई तय नियम नहीं है कि किस मुद्दे पर और कब जंग शुरू होगी। किसी देश पर हमला करना, जबरन उसकी सीमा का अतिक्रमण करना, उस देश के लोगों के लिए कोई खतरा पैदा करना, ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जा सकता है।
यह भी जरूरी नहीं है कि किसी देश पर हथियारों से हमला हो, तो ही उसे एक्ट ऑफ वॉर माना जाएगा। मशहूर अमेरिकी कानूनी और राजनीतिक जानकार हंस कल्सेन अपनी किताब ‘प्रिंसिपल्स ऑफ इंटरनेशनल लॉ’ में लिखते हैं, ‘कोई भी ऐसी कार्रवाई, जिसके चलते दो देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंध बिगड़ जाएं या उससे सशस्त्र संघर्ष को उकसावा मिले, उसे युद्ध की कार्रवाई कहा जा सकता है।’
पहलगाम हमले के बाद जब 23 अप्रैल को भारत ने सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने का फैसला किया तो पाकिस्तान ने कहा था कि यह ‘एक्ट ऑफ वाटर वॉरफेयर’ यानी जल युद्ध की कार्रवाई है।
सवाल-3: क्या भारत आतंकी हमले को ‘एक्ट ऑफ वॉर’ मानकर जंग छेड़ देगा?
जवाब: न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया, ‘एक्ट ऑफ वॉर हुआ तो भारत वैसा ही जवाब देगा। पाकिस्तान को बचाने के लिए कोई भी तीसरी ताकत नहीं आएगी।’
एक्सपर्ट्स के मुताबिक किन्हीं दो देशों के बीच जब किसी मुद्दे पर विवाद होता है तो उसे डिप्लोमेसी के जरिए सुलझाने की कोशिश की जाती है। जब बातचीत से मामला नहीं सुलझता या एक देश, दूसरे देश की सिक्योरिटी पर ही बड़ा हमला कर देता है तो डिप्लोमैटिक चैनल या किसी तीसरे मध्यस्थ के जरिए बातचीत नहीं की जाती, बल्कि सीधे बदले की कार्रवाई की जाती है।
स्ट्रैटेजी एनालिस्ट और ORF के सीनियर फेलो सुशांत सरीन बताते हैं, ‘सीमापार से आतंकवाद को लेकर बीते कई दशकों से डिप्लोमैटिक चैनल एक्टिव था, लेकिन अब वह किनारे कर दिया जाएगा। भारत की युद्ध की इस नई नीति का मतलब है कि अगर भारत में हुए किसी भी आतंकी हमले या घटना में पाकिस्तान का जरा-सा भी हाथ हुआ, तो मिलिट्री एक्शन लिया जाएगा। भारत सीधे जंग नहीं छेड़ेगा, लेकिन अगर लड़ाई बढ़ी तो बात जंग तक पहुंच सकती है।’
पीएम मोदी ने भी अपनी स्पीच में कहा कि अगर कोई आतंकी हमला हुआ तो उसका जवाब दिया जाएगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर भी भारत, पाकिस्तान की तरफ से किसी आतंकी हमले पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आर्टिकल 2(4) में कहा गया है, ‘सभी देश एक-दूसरे की अखंडता या आजादी के खिलाफ किसी तरह का बल प्रयोग या खतरा पैदा नहीं करेंगे।’
आर्टिकल 51 में साफ तौर पर कहा गया है, ‘अगर किसी देश पर हथियारों से हमला होता है तो वह अपनी आत्मरक्षा में बल प्रयोग कर सकता है।’
सवाल-4: भारत जंग के लिए कितना तैयार?
जवाब: 12 मई को भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी DGMO ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम जंग के लिए तैयार हैं। हमारे एयर डिफेंस को भेदना नामुमकिन है।
ले. ज. रामेश्वर रॉय कहते हैं, ‘जंग के लिए तीन चीजें जरूरी होती हैं- सेना और हथियारों की तैयारी, आर्थिक मजबूती और जंग लड़ने के लिए सटीक वजह। भारत आर्थिक रूप से सक्षम है। हमारी एयरफोर्स, नेवी और मिलिट्री किसी भी तरह के एक्शन के लिए तैयार है। भारत अपनी तरफ से जंग छेड़ना नहीं चाहता, लेकिन अगर सीमा पार से आतंकी हमला हुआ तो भारत किसी भी स्थिति से पीछे नहीं हटेगा।’
सवाल-5: आतंकी हमले के बदले भारत ने जंग छेड़ दी तो अमेरिका जैसे देशों का क्या रुख रहेगा?
जवाब: JNU में इंटरनेशनल रिलेशंस के एसोसिएट प्रोफेसर राजन कुमार बताते हैं, ‘दुनिया भर ने पहलगाम हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई, लेकिन जैसे ही भारत-पाकिस्तान जंग के हालात बने तो कई देशों ने इसे शांति से सुलझाने को कहा। अमेरिका ने भी यही किया। अगर भारत आतंकवादी घटनाओं को एक्ट ऑफ वॉर मानकर जंग छेड़ता है तो अमेरिका, यूरोपीय देशों समेत पूरी दुनिया नहीं चाहेगी कि दो परमाणु शक्ति सम्पन्न देश आपस में जंग करें।’
दरअसल, पहलगाम हमले के बाद इजराइल और रूस ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के हर कदम को सपोर्ट करने की बात की थी। वहीं अमेरिका ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ देने को कहा था।
न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से लिखा, ऑपरेशन सिंदूर के लॉन्च होने से हफ्तेभर पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से फोन पर बातचीत की और कहा, ‘हम पाकिस्तान में आतंकवादियों पर हमला करेंगे और इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।’
रामेश्वर रॉय कहते हैं, ‘भारत ने 7 मई के ऑपरेशन के बारे में पहले ही अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब और कतर को बता दिया था। ये भी बताया गया कि पाकिस्तान अगर जवाबी कार्रवाई करेगा तो उसका भी कड़ा जवाब दिया जाएगा। आगे भी भारत, पाकिस्तान के ‘एक्ट ऑफ वॉर’ पर किसी तीसरे देश से सलाह लिए बिना कार्रवाई करेगा, कानूनन उसे ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता।’
सवाल-6: क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जंग नहीं थी?
जवाब: रामेश्वर रॉय कहते हैं, ‘ऑपरेशन सिंदूर आतंकियों के खिलाफ एक्शन था, यह पाकिस्तान के खिलाफ जंग नहीं थी।’
8 मई की सुबह कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यही कहा कि आतंकी ठिकानों पर हमले का हमारा ऑपरेशन सिंदूर ‘नॉन-एस्केलेटरी’ यानी लड़ाई को बढ़ाने वाला नहीं था। पाकिस्तान के आबादी वाले इलाकों या सैन्य को ठिकाना नहीं बनाया गया।
हालांकि, 8 और 9 मई को दोनों देशों के बीच जो संघर्ष हुआ उसे एक्सपर्ट्स जंग से कम नहीं मानते हैं। दोनों दिन पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों और आबादी वाले इलाकों पर मिसाइल और ड्रोन अटैक किए। इधर से भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में सैन्य अड्डों को निशाना बनाया।
ले. ज. (रिटायर्ड) रामेश्वर रॉय कहते हैं, ‘जंग का मतलब है लड़ाई में तीनों सेनाओं का शामिल हो जाना। दोनों देशों की आर्मी और एयरफोर्स एक-दूसरे पर हमले कर रही थी। नेवी भी पूरी तरह एक्टिव थी।’
सीजफायर के ऐलान के बाद अगले दिन यानी 11 मई की शाम को DGMO राजीव घई ने भी प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘8 और 9 मई को जो एक्शन हुआ वह किसी जंग से कम नहीं था।’
11 मई की शाम तीनों सेनाओं के ऑपरेशंस हेड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान DGMO ले. जन. राजीव घई ने बताया कि उनकी और पाक DGMO बातचीत हुई है।
सवाल-7: क्या भारतीय एयरफोर्स का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी जारी है?
जवाब: इसका सीधा जवाब हां है। सीजफायर होने के एक दिन बाद यानी ११ मई को एयर फोर्स ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया, ‘ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है। इससे जुड़ी बातें समय आने पर बताई जाएंगी।’
सरकारी सूत्र भी कहते हैं, ‘ऑपरेशन सिंदूर को बंद नहीं किया गया है और यह जारी है। हम एक न्यू नॉर्मल दौर में हैं, जिसे दुनिया और पाकिस्तान को स्वीकार करना चाहिए।’
12 मई की दोपहर तीनों सेनाओं के ऑपरेशंस हेड ने दोबारा प्रेस ब्रीफिंग की। ऑफिसर्स ने इसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ खत्म होने की बात नहीं की, बल्कि कहा कि हम अभी युद्ध की प्रक्रिया में हैं। हालांकि हमने जिस मकसद से ये ऑपरेशन शुरू किया, उसे पूरा कर लिया।
ले. ज. रामेश्वर रॉय कहते हैं, ‘सीजफायर का मतलब यह नहीं है कि सेनाओं को वापस बैरक में भेज दिया गया है। ऑपरेशन सिंदूर का एक टारगेट पूरा हो गया है, लेकिन सेना किसी भी एक्शन के लिए तैयार है।’
सवाल-8: अगर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है तो इसका पीछे भारत का इरादा क्या है?
जवाब: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर 8 मई से 12 मई तक हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बार बताया गया कि खुफिया एजेंसियों और सेनाओं ने मिलकर स्ट्राइक करने के लिए 21 आतंकी ठिकानों को चिह्नित किया था, जिनमें से 9 पर स्ट्राइक हुई।
11 मई को DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, ‘जब ऑपरेशन सिंदूर को तय किया जा रहा था, तो हमारे पास बहुत सारे आतंकी ठिकानों की लिस्ट थी। फिल्टर करके उनमें से 21 को चुना गया, जिनमें से 9 पर प्रेजेंस थी यानी लोग मौजूद थे, हमने उन टारगेट्स पर हमला किया। जरूरत पड़ी, तो बाकी बचे ठिकानों को भी निशाना बनाया जाएगा।’
हालांकि, सरकार और सेना की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत होने वाली आगे की कार्रवाइयों को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन रामेश्वर रॉय कहते हैं कि अब अगर पाकिस्तान ने सीजफायर नहीं तोड़ा या कोई उकसाने वाला कदम नहीं उठाया तो भारत, पाकिस्तान के किसी आतंकी ठिकाने पर फिलहाल हमला नहीं करेगा।
सवाल-9: पीएम मोदी ने कहा कि हमने सीजफायर को सिर्फ स्थगित किया है, इसके क्या मायने हैं?
जवाब: पीएम मोदी ने कहा कि भारत पाकिस्तान की गुहार पर सीजफायर के लिए तैयार हुआ। पाकिस्तान ने कहा है कि उसकी तरफ से कोई सैन्य कार्रवाई या आतंकी गतिविधि नहीं होगी। अगर अब पाकिस्तान की तरफ से वादा तोड़ा गया तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए भारत की सेनाएं तैयार हैं।
कल सुबह 6 बजे ऐसे ही बेहद जरूरी टॉपिक पर पढ़िए और देखिए एक और ‘आज का एक्सप्लेनर’
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पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आर्मी से DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, नेवी से वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयरफोर्स से एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 32 मिनट तक फिर जानकारी दी। पूरी खबर पढ़ें…