आजादी के 76 साल बाद भी पुलिस विभाग की शब्दावली में बदलाव नहीं, उर्दू-फारसी में चल लिखा-पढ़ी | Lost Translation Static Vocabulary Police Forces 76 Years Independence | News 4 Social h3>
झांसीPublished: Dec 16, 2023 10:43:34 am
सिविल पुलिस से लेकर जीआरपी तक, दोनों भाषाओं पर टिकी है सारी व्यवस्था। नए पुलिसकर्मियों को मुश्किल हो रही है भाषा को समझना। पुलिस जीडी हुई ऑनलाइन, लेकिन अरबी-फारसी के शब्दों में कोई बदलाव नहीं।
उत्तर प्रदेश पुलिस – फोटो : सोशल मीडिया
पुलिस गश्त में मामूर थी, तभी जरिये मुखबिर ने मालूम किया कि एक नफर अभियुक्त मयमाल मौजूद है। हमने हमरान सिपाहियान के साथ मिलकर उसे पकड़ा है। उसका हश्म हुलिया जैल में है।” इस फर्द (लिखित सूचना) की भाषा का उपयोग रोजाना थानों में होता है, लेकिन नए पुलिसकर्मियों को इसे समझने में कठिनाई हो रही है। व्याख्यान में, नए पुलिसकर्मियों की मेहनत का परिणाम है कि वे इस भाषा को समझने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
झांसीPublished: Dec 16, 2023 10:43:34 am
सिविल पुलिस से लेकर जीआरपी तक, दोनों भाषाओं पर टिकी है सारी व्यवस्था। नए पुलिसकर्मियों को मुश्किल हो रही है भाषा को समझना। पुलिस जीडी हुई ऑनलाइन, लेकिन अरबी-फारसी के शब्दों में कोई बदलाव नहीं।
उत्तर प्रदेश पुलिस – फोटो : सोशल मीडिया
पुलिस गश्त में मामूर थी, तभी जरिये मुखबिर ने मालूम किया कि एक नफर अभियुक्त मयमाल मौजूद है। हमने हमरान सिपाहियान के साथ मिलकर उसे पकड़ा है। उसका हश्म हुलिया जैल में है।” इस फर्द (लिखित सूचना) की भाषा का उपयोग रोजाना थानों में होता है, लेकिन नए पुलिसकर्मियों को इसे समझने में कठिनाई हो रही है। व्याख्यान में, नए पुलिसकर्मियों की मेहनत का परिणाम है कि वे इस भाषा को समझने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।