आगरा में यमुना किनारे निर्माणों का होगा सर्वे: यमुना के डूब क्षेत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद ADA कर रहा तैयारी – Agra News

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आगरा में यमुना किनारे निर्माणों का होगा सर्वे:  यमुना के डूब क्षेत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद ADA कर रहा तैयारी – Agra News
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आगरा में यमुना किनारे निर्माणों का होगा सर्वे: यमुना के डूब क्षेत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद ADA कर रहा तैयारी – Agra News

यमुना का डूब क्षेत्र निर्धारित होने के बाद अब इसके दायरे में आने वाले निर्माणों का सर्वे कराने की तैयारी है। आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। यमुना किनारे तमाम अवैध निर्माण हो चुके हैं। पूर्व में कुछ अवैध निर्माणों पर ADA

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यहां हैं अवैध निर्माण यमुना के डूब क्षेत्र में बड़ी संख्या में निर्माण हो रहे है। कैलाश मंदिर से लेकर दयालबाग, मनोहपुर, जगनपुर, बल्केश्वर से लेकर काफी आगे तक निर्माण हो रहे हैं। यहां काॅलोनियों से लेकर बहुमंजिला इमारतें और फार्म हाउस बन गए हैं। 2014 में पर्यावरणविद डीके जोशी ने याचिका दायर की थी। 2016 में डीके जोशी के निधन के बाद एचएस जाफरी वादी बने थे। तब 7 बड़े प्रोजेक्ट भी डूब क्षेत्र में शामिल थे। इन प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई थी।

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लगाई थीं मुडि्डयां ADA ने NGT के आदेश पर 2018-19 में सर्वे किया था। तब नमामि गंगा मिशन के आधार पर सिंचाई विभाग ने डूब क्षेत्र का निर्धारण कर मुड्डियां लगाई थीं। इसके बाद ADA ने एक बिल्डर लगभग 17 फ्लैट तोड़े थे। एडीए उपाध्यक्ष एम अरुन्मोली का कहना है कि पूर्व में हुई कार्रवाई का अध्ययन करने के बाद डूब क्षेत्र में हुए निर्माणों का फिर से सर्वे कराया जाएगा। जो भी निर्माण डूब क्षेत्र की गाइडलाइन में शामिल होंगे उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

कहां से कहां तक डूब क्षेत्र अब यमुना किनारे अवैध निर्माण नहीं हो सकेंगे। प्रदेश सरकार ने यमुना के डूब क्षेत्र को अधिसूचित कर दिया है। इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में एफिडेविट दाखिल किया है। जिसमें गौतमबुद्ध नगर से प्रयागराज तक यमुना का डूब क्षेत्र निर्धारित करने की जानकारी दी है। अब यमुना के डूब क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, एनजीटी और विभिन्न न्यायालयों द्वारा समय-समय पर पारित किए गए आदेश प्रभावी होंगे। आगरा के पर्यावरण ने दायर की थी याचिका आगरा के पर्यावरणविद डा. शरद गुप्ता की याचिका पर NGT ने 11 सितंबर 2024 को राज्य सरकार को यमुना के डूब क्षेत्र को निर्धारित करने का आदेश दिया था। केंद्रीय जल आयोग ने 30 नवंबर 2024 को यमुना में असगरपुर से इटावा और शाहपुर से प्रयागराज तक के डूब क्षेत्र को निर्धारित करते हुए NGT में रिपोर्ट दाखिल की थी। 100 वर्ष में एक बार बाढ़ की प्रत्याशा में डूब क्षेत्र के उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर केंद्रीय जल आयोग ने यमुना का डूब क्षेत्र निर्धारित किया। आगरा में ये है डूब क्षेत्र इसके अनुसार, केंद्रीय जल आयोग ने NGT में दाखिल की गई अपनी रिपोर्ट में आगरा में यमुना के बाएं किनारे पर अधिकतम 2.55 किमी तक और दाएं किनारे पर अधिकतम 5.09 किमी तक डूब क्षेत्र माना गया। लंबाई व आक्षांश के आधार पर इसकी गणना की गई है। इन जिलों में डूब क्षेत्र का निर्धारण गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, जालौन, औरैया, कानपुर देहात, हमीरपुर, कानपुर, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी और प्रयागराज।

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