अस्सी घाट पर फाड़े काशी प्रदक्षिणा यात्रा के पोस्टर, तीर्थ पुरोहित ने लगाए NGO पर लगाए आरोप, जानिए मामला h3>
वाराणसी: रविवार की शाम वाराणसी के मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा एक कार्यक्रम में अस्सी घाट आए थे । कार्यक्रम था काशी की पुरातन महत्व की अंतरग्रही यात्राओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से धार्मिक पर्यटकों के लिए एक कार्यलय का उद्घाटन करना । इस कार्यक्रम के लिए बकायदा एक बड़ा बैनर अस्सी घाट पर लगाया गया था ।
काशी प्रदक्षिणा यात्रा के महत्व पर बोलते हुए मंडल आयुक्त ने कहा था की बाहरी आक्रांताओं ने काशी की समृद्ध परंपराओं को नुकसान पहुंचाया है। मंडल आयुक्त के इस भाषण के चौबीस घंटे भीतर ही एक एनजीओ ने धार्मिक यात्रियों के जानकारी के लिए लगाए गए बैनर और पोस्टर को फाड़ कर मंडल आयुक्त को चुनौती दे दी।
अब इस घटना ने काशी के तीर्थ पुरोहितों को आक्रोशित कर दिया है। काशी के तीर्थ पुरोहित एनजीओ के बढ़ते दबंगई के खिलाफ लामबंद हो कर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला , क्या है काशी प्रदक्षिणा यात्रा
काशी प्रदक्षिणा यात्रा समिति के संरक्षक उमा शंकर गुप्ता ने बताया की स्वामी करपात्री जी महराज ने काशी की तीन अंरग्रही यात्राओं की शुरुआत की थी इस यात्रा के लिए साल भर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या काशी आती है। इस यात्रा की जानकारी और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्सी घाट पर एक कार्यलय का उद्घाटन रविवार के दिन मंडल आयुक्त और वाराणसी रेंज के आईजी के सत्यनारायण ने किया था। दो दिन भी नहीं बीते और श्रद्धालुओं के जानकारी के लिए लगाया गया बैनर सुबह ए बनारस के संचालकों द्वारा फाड़ दिया गया। लगतार इस संस्था द्वारा ऐसे कृत्य किए जा रहे है जिस से काशी की धार्मिक मान्यताओं से जुड़े कर्मकांड और यात्राएं नष्ट हो रहीं हैं।
तीर्थ पुरोहित ने लगाए एनजीओ पर संगीन आरोप
अस्सी तीर्थ क्षेत्र के तीर्थ पुरोहित बलराम मिश्र ने बताया की हम लोग मुगल काल से पहले से ही घाट के कर्मकांड और अन्य धार्मिक गतिविधियां संपन्न कराते आ रहे हैं । काशी के घाट धार्मिक कर्मकांड कराने के लिए हैं लेकिन सुबह ए बनारस नाम की एक संस्था बना कर हम पुरोहित को हमारे पारंपरिक धार्मिक कर्मकांड करने से लगातार इस संस्था के लोगों द्वारा रोका जाता है। इस संस्था के प्रमुख रत्नेश वर्मा हैं जो एक सरकारी अधिकारी रहते हुए इस संस्था से जुड़े हुए थे। घाट पर एनजीओ बना कर घाट पर धार्मिक गतिविधियां कम और सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर इस पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया जा रहा है। हम सभी तीर्थ पुरोहित इस मुद्दे को लेकर मंडल आयुक्त से मिलेंगे।
यात्रा के संरक्षक और संयोजक उमा शंकर गुप्ता ने बताया को सीएम योगी के कार्यालय के निर्देश पर यात्रा के मार्ग में पड़ने वाले छ: सौ मंदिरों की पहचान की गई है। सरकार की मंशा के अनुरूप काशी की समृद्ध धार्मिक महत्व वाली इन यात्राओं के बारे में जागरूकता और पुनर्स्थापना के उद्देश्य से ही इस यात्रा के लिए हम लोगो ने छ महीने की तैयारी के बाद अस्सी घाट पर कार्यलय खुलवाया लेकिन एनजीओ बना कर अब धार्मिक पर्यटकों की जेब पर इनकी नजर है। स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार काशी की धार्मिक गतिविधियों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। इस पर तत्काल लगाना लगाने की आवश्यकता है।
अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं
इस पर जब एनबीटी ऑनलाइन ने मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा और नगर आयुक्त प्रणय सिंह से इस बाबत जानकारी लेनी चाही तो किसी अधिकारी का फोन रिसीव नहीं हुआ। नगर आयुक्त के पीए ने फोन उठा कर मीटिंग में जाने की बात कही। वहीं दूसरी ओर मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा जी 20 की तैयारी में व्यस्त थे। जानकारी के लिए लगाए गए बैनर के जबरन फाड़े जाने पर अब अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
इनपुट- अभिषेक झा
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अब इस घटना ने काशी के तीर्थ पुरोहितों को आक्रोशित कर दिया है। काशी के तीर्थ पुरोहित एनजीओ के बढ़ते दबंगई के खिलाफ लामबंद हो कर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला , क्या है काशी प्रदक्षिणा यात्रा
काशी प्रदक्षिणा यात्रा समिति के संरक्षक उमा शंकर गुप्ता ने बताया की स्वामी करपात्री जी महराज ने काशी की तीन अंरग्रही यात्राओं की शुरुआत की थी इस यात्रा के लिए साल भर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या काशी आती है। इस यात्रा की जानकारी और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्सी घाट पर एक कार्यलय का उद्घाटन रविवार के दिन मंडल आयुक्त और वाराणसी रेंज के आईजी के सत्यनारायण ने किया था। दो दिन भी नहीं बीते और श्रद्धालुओं के जानकारी के लिए लगाया गया बैनर सुबह ए बनारस के संचालकों द्वारा फाड़ दिया गया। लगतार इस संस्था द्वारा ऐसे कृत्य किए जा रहे है जिस से काशी की धार्मिक मान्यताओं से जुड़े कर्मकांड और यात्राएं नष्ट हो रहीं हैं।
तीर्थ पुरोहित ने लगाए एनजीओ पर संगीन आरोप
अस्सी तीर्थ क्षेत्र के तीर्थ पुरोहित बलराम मिश्र ने बताया की हम लोग मुगल काल से पहले से ही घाट के कर्मकांड और अन्य धार्मिक गतिविधियां संपन्न कराते आ रहे हैं । काशी के घाट धार्मिक कर्मकांड कराने के लिए हैं लेकिन सुबह ए बनारस नाम की एक संस्था बना कर हम पुरोहित को हमारे पारंपरिक धार्मिक कर्मकांड करने से लगातार इस संस्था के लोगों द्वारा रोका जाता है। इस संस्था के प्रमुख रत्नेश वर्मा हैं जो एक सरकारी अधिकारी रहते हुए इस संस्था से जुड़े हुए थे। घाट पर एनजीओ बना कर घाट पर धार्मिक गतिविधियां कम और सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर इस पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया जा रहा है। हम सभी तीर्थ पुरोहित इस मुद्दे को लेकर मंडल आयुक्त से मिलेंगे।
यात्रा के संरक्षक और संयोजक उमा शंकर गुप्ता ने बताया को सीएम योगी के कार्यालय के निर्देश पर यात्रा के मार्ग में पड़ने वाले छ: सौ मंदिरों की पहचान की गई है। सरकार की मंशा के अनुरूप काशी की समृद्ध धार्मिक महत्व वाली इन यात्राओं के बारे में जागरूकता और पुनर्स्थापना के उद्देश्य से ही इस यात्रा के लिए हम लोगो ने छ महीने की तैयारी के बाद अस्सी घाट पर कार्यलय खुलवाया लेकिन एनजीओ बना कर अब धार्मिक पर्यटकों की जेब पर इनकी नजर है। स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार काशी की धार्मिक गतिविधियों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। इस पर तत्काल लगाना लगाने की आवश्यकता है।
अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं
इस पर जब एनबीटी ऑनलाइन ने मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा और नगर आयुक्त प्रणय सिंह से इस बाबत जानकारी लेनी चाही तो किसी अधिकारी का फोन रिसीव नहीं हुआ। नगर आयुक्त के पीए ने फोन उठा कर मीटिंग में जाने की बात कही। वहीं दूसरी ओर मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा जी 20 की तैयारी में व्यस्त थे। जानकारी के लिए लगाए गए बैनर के जबरन फाड़े जाने पर अब अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
इनपुट- अभिषेक झा