अस्पतालों में इलाज के लिए डॉक्टरों की नहीं होगी कमी, नीतीश सरकार ने किया यह फैसला; बम्पर बहाली भी होगी

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अस्पतालों में इलाज के लिए डॉक्टरों की नहीं होगी कमी, नीतीश सरकार ने किया यह फैसला; बम्पर बहाली भी होगी

अस्पतालों में इलाज के लिए डॉक्टरों की नहीं होगी कमी, नीतीश सरकार ने किया यह फैसला; बम्पर बहाली भी होगी

बिहार के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए अब डॉक्टरों की कमी नहीं होगी। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर (सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन संवर्ग) का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो चुका है। कैडर निर्माण का प्रस्ताव जल्द राज्य कैबिनेट को भेजा जाएगा। 

कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही बिहार में इस साल यह लागू हो जाएगा। इस कैडर के बन जाने से इलाज करने वाले चिकित्सक अलग होंगे तो प्रशासनिक काम करने वाले अलग। मेडिकल कॉलेजों में अध्यापन कार्य करने के लिए भी चिकित्सकों का अलग कैडर होगा। इसके साथ ही विभाग ने खाली हजारों पद भरने का भी निर्णय लिया है।

दरअसल, अभी अस्पताल में डॉक्टरों का कैडर अलग है तो नर्स का अलग। कई राज्यों में मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने वाले चिकित्सकों के लिए अलग से टीचिंग कैडर है। केंद्र सरकार का मानना है कि देशव्यापी चिकित्सकीय कैडर एक नहीं होने के कारण केंद्र प्रायोजित स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में परेशानी हो रही है। इसलिए देशव्यापी चिकित्सकों का एक ही कैडर हो। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि इलाज करने वाले चिकित्सक को प्रशासनिक कामों से अलग रखा जाए।

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ऐसा करने वाला छठा राज्य होगा बिहार 

देश में तामिलनाडू पहला राज्य है जहां डॉक्टरों का विशेष कैडर बना हुआ है। वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर होने के पीछे इस कैडर का अहम योगदान है। इसके बाद गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा में कैडर का गठन हुआ। मध्यप्रदेश में हाल में कुछ सेवाओं में कैडर बनाने की सहमति मिली है लेकिन लागू नहीं हुआ है। इस तरह बिहार देश का छठा राज्य है जो चिकित्सकों के लिए कैडर का निर्माण करने जा रहा है।

कैडर की चार श्रेणियां होंगी

पब्लिक हेल्थ

यह प्रखंड व जिला अस्पतालों में चल रही योजनाओं का क्रियान्वयन करेंगे। इसमें एमडी और पीजी पास चिकित्सक रहेंगे।

स्पेशलिस्ट

इसमें पीजी पास क्लीनिकल, मेडिसिन, स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञ, सर्जन आदि विशेषज्ञ चिकित्सकों को रखा जाएगा।

टीचिंग

मेडिकल कॉलेजों में अध्यापन के लिए टीचिंग का अलग कैडर होगा। नेशनल मेडिकल काउंसिल की शर्तों के हिसाब से ही इस कैडर मे अध्यापन कार्य करने वाले चिकित्सकों को रखा जाएगा।

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हेल्थ मैनेजमेंट

यह अस्पतालों का प्रबंधन भी संभालेंगे। इसमें पीजी पास 70 फीसदी चिकित्सक होंगे। 30 पद एमबीए पास अभ्यर्थियों से भरे जाएंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चलने वाली सभी योजनाओं का जिला से लेकर प्रखंड व निचले स्तर तक के अस्पतालों में योजनाओं का ये क्रियान्वित करेंगे। जिला स्तर पर जिला स्वास्थ्य प्रबंधक का भी पद सृजन किया जाएगा।

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