अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे फेज़ के निर्माण की तैयारियां: 6 लाख वर्गफीट में बनेगा नया टर्मिनल, DM बोले– डीपीआर अंतिम चरण में – Ayodhya News h3>
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अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं।
रामनगरी अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं। मंगलवार शाम जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे की अध्यक्षता में हुई बैठक में टर्मिनल बिल्डिंग के डीपीआर समेत कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। डीपीआर अंतिम च
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दूसरे फेज में एयरपोर्ट का विस्तार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाएगा। नया टर्मिनल करीब 6 लाख वर्गफीट में बनेगा और इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी। एयरपोर्ट का क्षेत्रफल भी 141 हेक्टेयर से बढ़ाकर 331 हेक्टेयर किया जाएगा। रनवे की लंबाई 2200 मीटर से बढ़ाकर 3750 मीटर की जाएगी। वहीं, एप्रन की संख्या 8 से बढ़ाकर 18 की जाएगी।
डीपीआर अंतिम चरण में, केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव
मंगलवार शाम जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे की अध्यक्षता में महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट के संबंध में एक समीक्षा बैठक की गई। बैठक में एयरपोर्ट के दूसरे चरण के टर्मिनल बिल्डिंग निर्माण समेत विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि दूसरे फेज की टर्मिनल बिल्डिंग के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) लगभग तैयार है और इसे शीघ्र ही केंद्र सरकार को स्वीकृति हेतु भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलने के पश्चात निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट की विस्तारित योजना के तहत पहले ही ज़मीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है और अब बाउंड्री वॉल व उससे सटे नाले के निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
इन गांवों की भूमि हुई अधिग्रहीत
दूसरे फेज की कुल लागत करीब 1625 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसे 28 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एयरपोर्ट विस्तार के लिए धर्मपुर, सादातगंजा, फिरोजपुर, जनौरा कुशमाहा और सरेथी गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई है। यहां टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टावर, फायर स्टेशन, रनवे और एप्रन का निर्माण होना है। सूत्रों के अनुसार पर्यावरण विभाग की ओर से दूसरे चरण के लिए एनओसी मिल गई है।
रामनगरी को इंटरनेशनल कनेक्टिविटी की ओर बढ़ा रहा प्रोजेक्ट
दिसंबर 2023 में पहले फेज का लोकार्पण हुआ था। अब दूसरे चरण में इंटरनेशनल उड़ानों के लिए तैयारियां की जा रही हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए एयरो ब्रिज और अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी। निर्माण कार्यों के पूरा होते ही अयोध्या एयरपोर्ट 821 एकड़ में फैला होगा।
दूसरे फेज़ में इंटरनेशनल सुविधाओं से लैस विशाल टर्मिनल
निदेशक विनोद कुमार के अनुसार दूसरे फेज़ में बनने वाला टर्मिनल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा। नए टर्मिनल भवन का निर्माण 4.4 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रस्तावित है, जबकि मौजूदा टर्मिनल महज 0.6 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थित है। इस विस्तार से हवाई अड्डे की यात्री क्षमता और सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार आएगा।
बढ़ाई जाएगी रनवे की लंबाई और एप्रन की संख्या
वर्तमान में हवाई पट्टी (रनवे) की लंबाई 2,200 मीटर है, जिसे बढ़ाकर 3,750 मीटर किया जाएगा। यह लंबाई बड़े-बड़े अंतरराष्ट्रीय विमानों के उतरने-उड़ने के लिए पर्याप्त होगी। इसके साथ ही मौजूदा 8 एप्रनों की संख्या भी बढ़ाकर 18 की जाएगी, जिससे एक साथ कई विमानों का संचालन संभव होगा।
821 एकड़ क्षेत्र में फैलेगा एयरपोर्ट परिसर
दूसरे चरण के कार्यों के पूर्ण होने के पश्चात अयोध्या एयरपोर्ट का कुल क्षेत्रफल 821 एकड़ हो जाएगा, जो इसे उत्तर भारत के प्रमुख हवाई अड्डों में स्थान दिलाएगा। नए टर्मिनल भवन में यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी और एयरो ब्रिज जैसी आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में जाना सुगम हो सके।
पहले फेज़ में 2023 में हुआ था एयरपोर्ट का लोकार्पण
उल्लेखनीय है कि महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पहला चरण दिसंबर 2023 में पूरा हुआ था और उसी समय इसका लोकार्पण भी संपन्न हुआ था। पहले फेज़ में एक सीमित क्षेत्रफल में टर्मिनल व रनवे का निर्माण किया गया था, जिससे घरेलू उड़ानों की शुरुआत हो सकी। लेकिन बढ़ती धार्मिक पर्यटन की मांग को देखते हुए अब एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय संपर्क की ओर अयोध्या का कदम
वरिष्ठ पत्रकार आंनद पांडेय ने बताते है कि राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से अयोध्या देश-दुनिया के पर्यटकों का प्रमुख केंद्र बन चुका है। ऐसे में हवाई अड्डे का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित होना एक आवश्यक कदम बन गया है। यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि अयोध्या की आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में भी गति लाएगा।