अमित शाह के टॉप टार्गेट नीतीश और महागठबंधन, बिहार को दे रहे प्रायोरिटी, लखीसराय रैली 10 महीने में 5वां दौरा h3>
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बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट महागठबंधन बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष व गृहमंत्री अमित शाह के टॉप टार्गेट हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पिछले दस महीने में अमित शाह 29 जून यानी कल गुरुवार को पांचवीं बार बिहार दौरे पर आ रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर लखीसराय में 29 जून को आयोजित बीजेपी की रैली को अमित शाह संबोधित करेंगे। पूर्व स्पीकर और नेता विपक्ष विजय कुमार सिन्हा की विधानसभा सीट लखीसराय ही है। लखीसराय मुंगेर लोकसभा सीट का हिस्सा है जहां से जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह सांसद हैं। जेडीयू को एनडीए से निकालकर आरजेडी के करीब लाने और महागठबंधन सरकार बनाने में ललन सिंह की अहम भूमिका रही है।
2020 का बिहार विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ जीतने और 21 महीने सरकार चलाने के बाद नीतीश 2022 में आरजेडी-कांग्रेस-हम के साथ महागठबंधन सरकार बनाने चले गए थे। राज्य में बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई जिसकी कसक पार्टी को है और इस वजह से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के राजनीतिक निशाने पर नीतीश सबसे ऊपर हैं। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं जिसमें 2019 के चुनाव में 39 सीट एनडीए जीती थी। इसमें बीजेपी के 17, जेडीयू के 16 और लोजपा के 6 सांसद थे। तीसरी बार मोदी सरकार के मिशन को पूरा करने के लिए उत्तर भारत में यूपी और बिहार की ज्यादातर सीटें जीतना बीजेपी के लिए बहुत अहम है।
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बीजेपी के लिए बिहार टॉप प्रायोरिटी राज्य है और अमित शाह खास तौर पर बिहार को देख रहे हैं। नीतीश कुमार के अगस्त 2022 में पाला बदलने के बाद सितंबर में अमित शाह की पूर्णिया में रैली हुई थी जहां शाह ने नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ छोड़ने के लिए मन भर सुनाया था। अक्टूबर में अमित शाह समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण की जन्मभूमि सिताब दियारा आए थे। फरवरी में अमित शाह वाल्मीकिनगर और पटना आए थे। फिर अप्रैल में अमित शाह की नवादा में रैली हुई जहां उन्होंने दोहराया कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। 29 जून को लखीसराय में अमित शाह की रैली उनका 10 महीने में पांचवां बिहार दौरा होगा।
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नीतीश की मेजबानी में 23 जून को कांग्रेस समेत देश भर की 17 पार्टियां पटना में विपक्षी एकता की पहली औपचारिक बैठक में हिस्सा ले रही हैं। अगले दिन 24 जून को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा मधुबनी जिले के झंझारपुर में रैली करेंगे। मधुबनी के साथ-साथ झंझारपुर भी लोकसभा सीट है। मधुबनी सीट से बीजेपी के अशोक यादव तो झंझारपुर से जेडीयू के रामप्रीत मंडल इस समय सांसद हैं। बीजेपी ने नड्डा और शाह की रैलियों के लिए जो दो इलाके चुने हैं, दोनों जगह से लोकसभा में जेडीयू के सांसद हैं।
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बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट महागठबंधन बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष व गृहमंत्री अमित शाह के टॉप टार्गेट हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पिछले दस महीने में अमित शाह 29 जून यानी कल गुरुवार को पांचवीं बार बिहार दौरे पर आ रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर लखीसराय में 29 जून को आयोजित बीजेपी की रैली को अमित शाह संबोधित करेंगे। पूर्व स्पीकर और नेता विपक्ष विजय कुमार सिन्हा की विधानसभा सीट लखीसराय ही है। लखीसराय मुंगेर लोकसभा सीट का हिस्सा है जहां से जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह सांसद हैं। जेडीयू को एनडीए से निकालकर आरजेडी के करीब लाने और महागठबंधन सरकार बनाने में ललन सिंह की अहम भूमिका रही है।
2020 का बिहार विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ जीतने और 21 महीने सरकार चलाने के बाद नीतीश 2022 में आरजेडी-कांग्रेस-हम के साथ महागठबंधन सरकार बनाने चले गए थे। राज्य में बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई जिसकी कसक पार्टी को है और इस वजह से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के राजनीतिक निशाने पर नीतीश सबसे ऊपर हैं। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं जिसमें 2019 के चुनाव में 39 सीट एनडीए जीती थी। इसमें बीजेपी के 17, जेडीयू के 16 और लोजपा के 6 सांसद थे। तीसरी बार मोदी सरकार के मिशन को पूरा करने के लिए उत्तर भारत में यूपी और बिहार की ज्यादातर सीटें जीतना बीजेपी के लिए बहुत अहम है।
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बीजेपी के लिए बिहार टॉप प्रायोरिटी राज्य है और अमित शाह खास तौर पर बिहार को देख रहे हैं। नीतीश कुमार के अगस्त 2022 में पाला बदलने के बाद सितंबर में अमित शाह की पूर्णिया में रैली हुई थी जहां शाह ने नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ छोड़ने के लिए मन भर सुनाया था। अक्टूबर में अमित शाह समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण की जन्मभूमि सिताब दियारा आए थे। फरवरी में अमित शाह वाल्मीकिनगर और पटना आए थे। फिर अप्रैल में अमित शाह की नवादा में रैली हुई जहां उन्होंने दोहराया कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। 29 जून को लखीसराय में अमित शाह की रैली उनका 10 महीने में पांचवां बिहार दौरा होगा।
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