अमरपुर में गर्मी की छुट्टी में बच्चे सीख रहे हैं जीवन जीने की कला
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सिमरिया धाम, एक संवाददाता। बरौनी प्रखंड का अमरपुर गांव इन दिनों अहले सुबह से ही संगीत के सात स्वर के साथ गूंज रहा है। मध्य विद्यालय अमरपुर और उसके आसपास का वातावरण बदला-बदला दिख रहा है। विद्यालय का परिसर गीत- संगीत, नृत्य नाटक और चित्रकला के रंगों के साथ थिरक रहा है। संगीत की धुन पर थिरकते बच्चों के लिए इस तरह का पहला अवसर एक साथ मिला है। गर्मी छुट्टी में आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी द्वारा आयोजित 15 दिवसीय रंग उमंग कार्यशाला का समापन 17 मई को होना है।
हर बच्चे अपनी प्रस्तुति को लेकर रोज ब रोज अपने प्रशिक्षक के साथ नए आयाम गढ़ रहे हैं। ये जीवन जीने की कला सीख रहे हैं। शंभु साह स्मृति ग्रीष्मकालीन रंग कार्यशाला रंग उमंग में कुल 12 गांव के 108 बच्चे भाग ले रहे हैं। अलग-अलग गांव से मध्य विद्यालय अमरपुर पहुंच रहे हैं। बच्चों के स्वर सब एक हो चुके हैं। इनकी बोली, इनका शोर, इनका उल्लास -उमंग सब कुछ एक जैसा दिख रहा है। संस्था के लगभग 20 प्रशिक्षक रोज-ब-रोज अहले सुबह से लेकर दोपहर बाद तक बच्चों को कला की विभिन्न विधाओं से अवगत करा रहे हैं।
कोई नृत्य, तो कोई नाटक कोई चित्रकला तो कोई संगीत। आप जिधर भी देखिए बच्चों की अपनी धुन है। कार्यशाला में भाग ले रही अदिति कुमारी कहती है कि यह अवसर अब तक नहीं मिला था। आरुषि वर्मा का कहना है की सुदूर देहात में इस तरह से कभी भी हम बच्चों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण का अनुभव नहीं मिल पाया था। नैन्सी, फैन्सी, प्राची शर्मा, ज्योतिष, पृथ्वी राज सहित अन्य प्रतिभागी बच्चों ने कहा कि शायद जीवन में यह अद्भुत पल फिर नहीं मिल पायेगा। बच्चे अब संगीत के सारेगामा से लेकर अभिव्यक्ति के सबसे सशक्त माध्यम नाटक से भी जुड़ रहे हैं। कार्यशाला निर्देशक गणेश गौरव इन्हें खेल-खेल में कला की विभिन्न जानकारियों से लैस कर रहे हैं।
संगीत प्रशिक्षक आनन्द, दिनेश दिवाना, संतोष, अंकित, राजू, बलिराम बच्चों को स्वर लय ताल के साथ नृत्य भी सीखा रहें हैं। कार्यशाला में अंकित वर्मा, मनीष कुमार ने ललित कला के माध्यम से कार्यशाला को रोचक बना दिया है। नृत्य में साक्षी, अंकित, बलिराम, ईशा, प्रियंका अपना बेस्ट दे रहे हैं। नाटक को लेकर रवि वर्मा और कार्यशाला निर्देशक गणेश कुमार स्वयं बच्चों से रूबरू हो रहे हैं। कार्यशाला में रुपेश कुमार, राधे, जितेंद्र शर्मा, प्रधान शिवशंकर, शिक्षक रामु कुमार, मृत्युंजय कुमार सहित अन्य प्रशिक्षक हर बच्चों के पीछे मेहनत से लगे हुए हैं। संयोजक डॉ. कुंदन कुमार ने कहा कि कार्यशाला में एचएम शिव शंकर प्रसाद समेत स्थानीय जन समुदाय की भागीदारी से आयोजित है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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सिमरिया धाम, एक संवाददाता। बरौनी प्रखंड का अमरपुर गांव इन दिनों अहले सुबह से ही संगीत के सात स्वर के साथ गूंज रहा है। मध्य विद्यालय अमरपुर और उसके आसपास का वातावरण बदला-बदला दिख रहा है। विद्यालय का परिसर गीत- संगीत, नृत्य नाटक और चित्रकला के रंगों के साथ थिरक रहा है। संगीत की धुन पर थिरकते बच्चों के लिए इस तरह का पहला अवसर एक साथ मिला है। गर्मी छुट्टी में आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी द्वारा आयोजित 15 दिवसीय रंग उमंग कार्यशाला का समापन 17 मई को होना है।
हर बच्चे अपनी प्रस्तुति को लेकर रोज ब रोज अपने प्रशिक्षक के साथ नए आयाम गढ़ रहे हैं। ये जीवन जीने की कला सीख रहे हैं। शंभु साह स्मृति ग्रीष्मकालीन रंग कार्यशाला रंग उमंग में कुल 12 गांव के 108 बच्चे भाग ले रहे हैं। अलग-अलग गांव से मध्य विद्यालय अमरपुर पहुंच रहे हैं। बच्चों के स्वर सब एक हो चुके हैं। इनकी बोली, इनका शोर, इनका उल्लास -उमंग सब कुछ एक जैसा दिख रहा है। संस्था के लगभग 20 प्रशिक्षक रोज-ब-रोज अहले सुबह से लेकर दोपहर बाद तक बच्चों को कला की विभिन्न विधाओं से अवगत करा रहे हैं।
कोई नृत्य, तो कोई नाटक कोई चित्रकला तो कोई संगीत। आप जिधर भी देखिए बच्चों की अपनी धुन है। कार्यशाला में भाग ले रही अदिति कुमारी कहती है कि यह अवसर अब तक नहीं मिला था। आरुषि वर्मा का कहना है की सुदूर देहात में इस तरह से कभी भी हम बच्चों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण का अनुभव नहीं मिल पाया था। नैन्सी, फैन्सी, प्राची शर्मा, ज्योतिष, पृथ्वी राज सहित अन्य प्रतिभागी बच्चों ने कहा कि शायद जीवन में यह अद्भुत पल फिर नहीं मिल पायेगा। बच्चे अब संगीत के सारेगामा से लेकर अभिव्यक्ति के सबसे सशक्त माध्यम नाटक से भी जुड़ रहे हैं। कार्यशाला निर्देशक गणेश गौरव इन्हें खेल-खेल में कला की विभिन्न जानकारियों से लैस कर रहे हैं।
संगीत प्रशिक्षक आनन्द, दिनेश दिवाना, संतोष, अंकित, राजू, बलिराम बच्चों को स्वर लय ताल के साथ नृत्य भी सीखा रहें हैं। कार्यशाला में अंकित वर्मा, मनीष कुमार ने ललित कला के माध्यम से कार्यशाला को रोचक बना दिया है। नृत्य में साक्षी, अंकित, बलिराम, ईशा, प्रियंका अपना बेस्ट दे रहे हैं। नाटक को लेकर रवि वर्मा और कार्यशाला निर्देशक गणेश कुमार स्वयं बच्चों से रूबरू हो रहे हैं। कार्यशाला में रुपेश कुमार, राधे, जितेंद्र शर्मा, प्रधान शिवशंकर, शिक्षक रामु कुमार, मृत्युंजय कुमार सहित अन्य प्रशिक्षक हर बच्चों के पीछे मेहनत से लगे हुए हैं। संयोजक डॉ. कुंदन कुमार ने कहा कि कार्यशाला में एचएम शिव शंकर प्रसाद समेत स्थानीय जन समुदाय की भागीदारी से आयोजित है।
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