अमरनाथ यात्रा- चंदरकोट में काफिले की बसें टकराईं, 36 घायल: पहलगाम रूट पर हादसा, बस के ब्रेक फेल हुए थे; अबतक 30 हजार दर्शन कर चुके

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अमरनाथ यात्रा- चंदरकोट में काफिले की बसें टकराईं, 36 घायल:  पहलगाम रूट पर हादसा, बस के ब्रेक फेल हुए थे; अबतक 30 हजार दर्शन कर चुके
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अमरनाथ यात्रा- चंदरकोट में काफिले की बसें टकराईं, 36 घायल: पहलगाम रूट पर हादसा, बस के ब्रेक फेल हुए थे; अबतक 30 हजार दर्शन कर चुके

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श्रीनगर13 मिनट पहलेलेखक: रऊफ डार

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बसों में टक्कर रामबन जिले के चंदरकोट लंगर के पास हुई।

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अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रहे काफिले की चार बसों में टक्कर हो गई। रामबन जिले में चंदरकोट लंगर के पास हुए हादसे में करीब 36 यात्री घायल हो गए हैं। हादसा तब हुआ, जब ब्रेक फेल होने के कारण एक बस का ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा। इससे काफिले में शामिल तीन और बसें आपस में टकरा गईं।

खबर मिलते ही रेस्क्यू टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और घायल तीर्थयात्रियों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रामबन ले जाया गया है। बाकी यात्रियों को दूसरी गाड़ियों से पहलगाम के लिए रवाना किया गया है।

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इससे पहले भारी बारिश के बावजूद 6,900 से तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था शनिवार को भगवती नगर बेस कैंप से रवाना हुआ है। इस जत्थे में 5196 पुरुष, 1427 महिलाएं, 24 बच्चे, 331 साधु और साध्वी तथा एक ट्रांसजेंडर शामिल है।

यात्रा शुरू होने के दूसरे दिन शुक्रवार शाम 7 बजे तक 26,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन कर लिए थे। यह संख्या बढ़कर 30 हजार हो गई है। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी।

38 दिन तक चलने वाली यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रूट से जारी है। समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। पिछले साल यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे।

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अबतक 3.5 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में सेंटर खोले गए हैं। यहां रोज 2000 श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन जारी है।

हादसे से जुड़ी तस्वीरें…

टक्कर के बाद बसें क्षतिग्रस्त हो गईं।

टक्कर के बाद काफिला काफी देर रुका रहा, यात्री बसों से बाहर आ गए।

दूसरी बसों के यात्रियों ने क्षतिग्रस्त बसों के यात्रियों की मदद की, कुछ ने तस्वीरें लीं।

चंदरकोट में क्षतिग्रस्त बसें सड़क किनारे ही खड़ी हैं, यात्रियों को दूसरी गाड़ियों से आगे भेजा गया।

टक्कर के बाद घायल तीर्थयात्रियों को रूट पर तैनात जवानों ने कंधों पर उठाकर बाहर निकाला।

बस हादसे में घायल यात्रियों को रामबन के अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया।

DC रामबन मोहम्मद अलयास खान, DIG डीकेआर श्रीधर पाटिल, SSP रामबन कुलबीर सिंह अस्पताल पहुंचे।

3 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू हुई। पहली आरती की तस्वीर।

पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग। तस्वीर शुक्रवार की है।

तस्वीर अमरनाथ यात्रा गुफा के रास्ते की है। दर्शनार्थियों के लिए खास व्यवस्था की गई हैं।

श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा में रवाना होने के बाद ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारे लगाए।

अमरनाथ यात्रा रूट पर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। सेना के साथ ही CRPF के जवानों की तैनाती भी की गई है।

अमरनाथ यात्रा मार्ग पर कई लंगर चलाए जा रहे हैं।

UP के यात्री की मौत, पुलिसकर्मी घायल UP से आए एक यात्री की शुक्रवार को मौत हो गई। लखीमपुर खीरी के रहने वाले दिलीप श्रीवास्तव शेषनाग बेस कैंप में अचानक बेहोश हो गए थे। उन्हें तुरंत ही शषनाग बेस कैंप अस्पताल ले जाया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

इधर, अनंतनाग जिले में अमरनाथ यात्रा ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी से खुद की सर्विस राइफल से गलती से फायर हो गया। अधिकारियों ने बताया कि कांस्टेबल शब्बीर अहमद को पहलगाम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अमरनाथ यात्रा मार्ग पर क्या-क्या

  • यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 581 अलग-अलग सुरक्षा कंपनियों का चाक-चौबंद बंदोबस्त किया गया है। इसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईबीटीपी और सीआईएसएफ समेत सुरक्षा बलों के जवान तैनात किए गए हैं।
  • बालटाल से लेकर गुफा तक के मार्ग पर हर दो किलोमीटर पर मेडिकल कैंप लगाए हैं। बीच में कई जगहों पर गोदाम भी चालू कर दिए गए हैं। इस साल गुफा की ओर जाने वाले रास्ते पर चार स्टैंड बनाए गए हैं, जबकि पैदल, घोड़े पर और पालकी में जाने वाले श्रद्धालुओं के रास्ते भी अलग-अलग बनाए गए हैं।
  • श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर 50 मीटर पर एक जवान तैनात है। मुंबई से आए तीर्थयात्री प्रसाद ठाकुर ने कहा कि जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं था उनका भी बहुत जल्दी रजिस्ट्रेशन हो गया है। आज 70 से 80 हजार तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए होंगे। भंडारे में खाने का अच्छा इंतजाम है। शौचालय से लेकर रहने तक की सारी व्यवस्था बढ़िया हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पहलगाम रूट बेहतर यदि आप अमरनाथ सिर्फ धार्मिक यात्रा के रूप में आ रहे हैं तो बालटाल रूट बेहतर है। यदि कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य को करीब से जीना चाहते हैं तो पहलगाम रूट बेहतर है। हालांकि इसकी हालत बालटाल रूट के विपरीत है।

गुफा से चंदनबाड़ी तक सफर थकान, धूलभरा है। रास्ता पत्थरों वाला और कहीं-कहीं बहुत संकरा है। 48 किमी लंबे जर्जर रूट पर कई जगह रेलिंग गायब है तो कहीं घोड़ों के लिए अलग रास्ता है।

NEWS4SOCIALटीम ने दूसरे दिन का सफर पहलगाम रूट से किया। जैसे ही आप गुफा से इस रूट पर बढ़ते हैं, जवान डॉग स्क्वॉड के साथ मिल जाएंगे। पंचतरणी से आगे बुग्यालों (पहाड़ों पर हरी घास के मैदान) में बैठे जवान दिखेंगे।

ये नजारा 14,800 फीट ऊपर गणेश टॉप, पिस्सू टॉप पर भी दिखा। पिछली बार इतनी सुरक्षा नहीं थी।

कैसे पहुंचें: यात्रा के लिए दो रूट

1. पहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है।

तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।

2. बालटाल रूट: वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं।

यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखें… यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, RFID कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग जैसे प्राणायाम और एक्सरसाइज करें। यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी बॉटल और जरूरी दवाओं का बैग अपने साथ रखें।

3888 मीटर की ऊंचाई पर है अमरनाथ गुफा

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