अभी भी डूबी है दिल्ली, पानी थमा पर चुनौतियां कायम, बाढ़ से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब पढ़िए
7. कहां-कहां मिली राहत?
– भैरों रोड, कश्मीरी गेट के सामने, गीता कॉलोनी रोड, आईटीओ को ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया
– प्रगति मैदान टनल को ट्रैफिक के लिए खुला रखा गया है।
1. दिल्ली में यमुना की रविवार रात तक की स्थिति क्या है?
दिल्ली में शनिवार शाम 6 बजे यमुना का जलस्तर कम होकर 206.92 मीटर पर आ गया। अभी भी यह खतरे के निशान से ऊपर है। जलस्तर कम होने की वजह से कुछ जगह बाढ़ का पानी कम हुआ है। उम्मीद है कि यही स्थिति रही तो रविवार शाम तक कॉलोनियों में भरा पानी कम हो जाएगा। शनिवार तड़के 1 बजे जलस्तर 207.92 मीटर था।
2. अगर बारिश हुई तो क्या होगा?
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले चार दिन हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश होगी। अगर ये बारिश उन इलाकों में हुई, जहां से पानी हथिनी कुंड बैराज के रास्ते यमुना में आता है तो फिर यमुना का जलस्तर बढ़ सकता है। ये इस बात पर निर्भर करेगा कि वहां किन इलाकों में और कितनी बारिश होती है।
3. कौन से रास्ते खुल गए हैं?
यमुना का जलस्तर कम होने के बाद कई बंद रास्ते खुल गए हैं। इनमें रिंग रोड का एक हिस्सा शामिल है। भैरों रोड, आईटीओ ब्रिज, गीता कॉलोनी ब्रिज फिर ट्रैफिक के लिए खोल दिए गए हैं। आईटीओ पर इनकम टैक्स ऑफिस के सामने की सड़क पर अभी पानी पूरी तरह नहीं निकला है लेकिन ट्रैफिक चालू कर दिया गया है।
4. आगे क्या चुनौतियां आने वाली हैं?
अगर जलस्तर कम होता है तो आने वाले दिनों में सबसे बड़ी चुनौती सड़कों पर इकट्ठा हुई गाद को हटाने की होगी। जलभराव से सड़कों पर गंदगी हो जाती है। उसे हटाए बिना ट्रैफिक को शुरू नहीं किया जा सकता। इसके अलावा जिन इलाकों में जलभराव रहा है, वहां जलजनित बीमारियां सिर उठा सकती हैं।
5. दिल्ली-एनसीआर में आना-जाना हो तो क्या करें।
एनबीटी के टविटर हैंडल को फॉलो करें। वहां आपको ट्रैफिक और जलस्तर से जुड़े अपडेट मिलते रहेंगे। उन अपडेट के आधार पर बंद और खुले रास्तों की जानकारी मिल सकेगी। जहां तक संभव हो दिल्ली और एनसीआर आने-जाने के लिए मेट्रो का उपयोग कर सकते हैं। सभी मेट्रो लाइनों पर ट्रेनें सामान्य रफ्तार से चल रही हैं।
6. कौन-कौन से इलाके बाढ़ प्रभावित हैं?
सबसे ज्यादा प्रभावित भैरों रोड से लेकर मजनूं का टीला के बीच का रिंग रोड का हिस्सा है। सिविल लाइंस, यमुना बाजार, निगम बोधघाट और आसपास के रिहाइशी इलाकों में जलभराव है जबकि नाले के बैक मारने से हकीकत नगर, मुखर्जी नगर जैसी कॉलोनियों में गंदा पानी भर गया है। यमुनापार में नोएडा रोड और आसपास राहत शिविर लगाए गए हैं, जिनमें यमुना खादर में रहने वाले झुग्गीवासियों को रखा गया है। उत्तर पूर्वी दिल्ली के गढ़ी मेंडू और आसपास के कुछ इलाकों में जलभराव का असर है।
ये तीन जरूरी पॉइंट
– दिल्ली में यमुना के जलस्तर को लोहे के पुराने पुल के समीप के लेवल से नापा जाता है।
– यहां चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है।
– शनिवार शाम 6 बजे यमुना का जलस्तर कम होकर 206.92 मीटर पर आ गया था।