अब 10 और 15 साल पुरानी गाड़ियां भरतपुर जिले में नहीं भरवा सकेंगी पेट्रोल व डीजल, जिले के 15 हजार वाहन होंगे प्रभावित – Bharatpur News

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अब 10 और 15 साल पुरानी गाड़ियां भरतपुर जिले में नहीं भरवा सकेंगी पेट्रोल व डीजल, जिले के 15 हजार वाहन होंगे प्रभावित – Bharatpur News
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अब 10 और 15 साल पुरानी गाड़ियां भरतपुर जिले में नहीं भरवा सकेंगी पेट्रोल व डीजल, जिले के 15 हजार वाहन होंगे प्रभावित – Bharatpur News

NEWS4SOCIALन्यूज। भरतपुर अगर आपकी गाड़ी 10 साल पुरानी डीजल या 15 साल पुरानी पेट्रोल की है, तो यह खबर आपके लिए अहम है। एक अप्रैल 2026 से भरतपुर समेत पूरे एनसीआर में ऐसी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। जिले के पेट्रोल पंपों पर स्वचालित नंबर प्लेट रीड

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दिल्ली सीमा में बीएस-6, सीएनजी और ईवी वाहनों के अलावा बाकी मालवाहक गाड़ियों के प्रवेश पर भी रोक लगेगी। जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में इस फैसले को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता आयोग के द्वारा 23 अप्रैल को जारी निर्देश के अनुसार आगामी 1 नवम्बर 2025 से दिल्ली में बीएस-6, सीएनजी और ईवी के अलावा सभी परिवहन अथवा वाणिज्यिक माल वाहनों जैसे एलजीवी, एमजीवी और एचजीवी के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।

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उन्होंने निर्देश दिए कि परिवहन विभाग और यातायात पुलिस व्यापक प्रचार-प्रसार करें और दिल्ली के सभी सीमा प्रवेश बिंदुओं पर आगामी एक नवम्बर से प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। इस दौरान बैठक में सीईओ जिला परिषद मृदुल सिंह, आयुक्त बीडीए प्रतीक जुईकर, एडीएम शहर राहुल सैनी, सीओ सिटी पंकज यादव सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

कैसे होगा नियम का पालन… . 31 मार्च 2026 तक भरतपुर के सभी पेट्रोल पंपों पर खास कैमरे लगेंगे। . 1 अप्रैल 2026 से पुरानी गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा। . नियम तोड़ने पर चालान और कानूनी कार्रवाई तय। दिल्ली में नवंबर से लागू, भरतपुर में अप्रैल 2026 से… वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एनसीआर क्षेत्र के लिए यह आदेश जारी किए हैं। दिल्ली और आसपास के 5 जिलों में यह नियम इस साल ही लागू हो रहा है, जबकि भरतपुर, अलवर समेत अन्य जिलों में 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।

15 हजार से ज्यादा वाहन होंगे प्रभावित… भरतपुर में करीब 15 हजार ऐसे ट्रांसपोर्ट और नॉन ट्रांसपोर्ट वाहन हैं जो इस नियम की चपेट में आएंगे। नियम लागू होते ही इन गाड़ियों का चलना मुश्किल हो जाएगा। पेट्रोल पंपों पर लगे कैमरे सीधे सिस्टम से जुड़ेंगे और नियम तोड़ने पर गाड़ी मालिक पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि भरतपुर के ये 15 हजार वाहन अन्य शहरों में रजिस्टर्ड है और भरतपुर जिले में दौड़ रहे हैं। शहर में बढ़ते धूल प्रदूषण पर नकेल कसने को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है।

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अब निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों में लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी उमेश कुमार ने साफ कहा कि आयोग ने सख्त दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। हर निर्माण स्थल पर अब पवन अवरोधक (Wind Breakers), इस्ट स्क्रीन और वॉटर स्प्रे की व्यवस्था अनिवार्य होगी।

उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट साइट को चारों तरफ से ढंकना होगा, जिससे धूल बाहर न फैले। उमेश कुमार ने बताया कि निर्माण सामग्री और मलबे को ढकना जरूरी है। साथ ही ये भी तय किया गया है कि अब कोई भी निर्माण सामग्री खुले वाहन में नहीं लाई या ले जाई जाएगी।

सभी परिवहन कार्य ढंके हुए वाहनों से ही होंगे। जिसमें अधिकारियों ने साफ कहा कि अब लापरवाही नहीं चलेगी, नियम तोड़ने पर सीधे चालान और प्रोजेक्ट बंद करने की कार्रवाई होगी। प्रशासन का कहना है कि इस सख्ती से लोगों को सांस की बीमारियों से राहत मिलेगी और वातावरण भी साफ रहेगा।

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