अफसरों ने भर ली जेब, किसानों को लग रहा 100 करोड़ का चूना, Video | Bharatiya Kisan Sangh for paddy purchase in Jabalpur | News 4 Social h3>
जबलपुर में एक ओर जहां धान की खरीदी में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं इसके फेर में किसान परेशान हो रहे हैं। पंजीयन केंद्रों पर 10 हजार से अधिक किसान फर्जी पाए गए हैं। यहां सिकमी के नाम पर गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। खुलासे के बाद 36 गोदामें में गड़बड़ी मिलने पर उन्हें ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया लेकिन यहां खरीदी बंद होने से किसानों को नुकसान हो रहा है। उनकी लाखों क्विंटल धान 15 दिनों से यूं ही खुले में पड़ी है।
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जिले में धान खरीदी में व्याप्त अव्यवस्था व किसानों से मची लूट के खिलाफ भारतीय किसान संघ ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे में धान खरीदी की व्यवस्थाएं नहीं सुधारी गई तो सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद जिले के सभी तहसील मुख्यालयों पर शुक्रवार को भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों द्वारा घेराव किया गया। किसान संगठनों ने इस मामले में निलंबित किए गए अधिकारियों की संपत्ति की जांच सीबीआइ और ईओडब्ल्यू से कराने की भी मांग की है। धान की सुरक्षा के लिए किसानों को दिन रात वहीं रुकना पड़ रहा है। परेशानी बताने के लिए किसानों ने धरना दिया। वहीं दाल बाटी बनाकर खाई।
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धान की खरीदी में फर्जीवाड़ा के बाद किसानों को जबरन परेशान किया जा रहा है। लूट की रकम अफसरों ने बांट ली पर किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। खुले में पड़ी लाखों क्विंटल धान खराब हो रही है। करीब सवा 4 लाख क्विंटल धान की बिक्री के लिए किसान परेशान हो रहे हैं। इस धान की कीमत करीब 100 करोड़ रुपए है।
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किसानों और किसान संगठन के पदाधिकारियोें के अनुसार धान खरीदी केंद्रो पर किसानों से खुली लूट की जा रही है। खरीदी केंद्रों में भर्राशाही का आलम है। बिना कमीशन के किसान की धान को तौला ही नहीं जा रहा है। एफएक्यू के नाम पर भी सर्वेयरों की मनमानी चल रही है। सर्वेयर बिना पैसे लिए धान तुलाई के लिए पास ही नहीं कर रहे हैं।
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ब्लैक लिस्ट गोदामों में रखे धान की होगी तुलाई
इधर किसानों के प्रदर्शन के बाद सरकार सक्रिय हुई। मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कारपोरेशन ने जिन 36 गोदामों को ब्लैक लिस्ट किया था, अब उन गोदामों की धान की खरीदी की जाएगी। इस काम के लिए दलों का गठन किया गया है। इन जगहों पर रखे धान की गुणवत्ता का आंकलन और खरीदी प्रक्रिया पर निगरानी के लिए खाद्य विभाग ने 108 अधिकारियों को जबलपुर तैनात किया है।
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इन गोदामों में 4 लाख 15 हजार क्विंटल धान रखे होने का अनुमान है। जिला प्रशासन की तरफ से किसानों को सत्यापित कर सूची राज्य शासन को भेजी गई थी। अब वास्तविक किसानों से धान को खरीदा जाएगा। धान का उठाव सबसे पहले मिलर्स के माध्यम से कराया जाएगा।
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गोदाम संचालकों से वसूली
किसानों के पक्ष की बात यह है कि शार्टेज और कमी के कारण उनके नुकसान की भरपाई उन गोदाम संचालकों से की जाएगी जिन्होंने खरीदी केंद्र बनने का झूठा दावा करते हुए किसानों के 66 करोड़ रुपए से अधिक की कीमत के धान का भंडारण करवा लिया गया।
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