अपने गढ़ जबलपुर में भाजपा ने चौंकाया, विधानसभा में निराश आशीष को लोकसभा का टिकट थमाया | BJP surprised in its stronghold Jabalpur | News 4 Social h3>
हर बार नाम उछला, नम्बर अब आया
जबलपुर में चुनाव कोई भी हो पर आशीष का नाम हर बार उछलता था। पहले महापौर टिकट के दावेदार, फिर 2023 के विधानसभा चुनाव में शहर की उत्तर और ग्रामीण में पाटन विधानसभा सीट से नाम आगे आया पर निराशा ही हाथ लगी। अब सीधे लोकसभा सीट के लिए नम्बर लग गया।
कई नेता मायूस
विधानसभा चुनाव की ही तरह लोकसभा में भी कई नेताओं को मायूसी मिली है। जबलपुर की लोकसभा सीट में भाजपा का नया चेहरा कौन होगा, इसके दावेदारों में भाजपा नगर अध्यक्ष प्रभात साहू, पूर्व महापौर सदानंद गोडबोले, धीरज पटेरिया, ग्रामीण अध्यक्ष रानू सुभाष तिवारी, प्रशांत पोल आदि के नाम सामने आ रहे थे।
विश्नोई का दर्द- भूलना होगा, दुबे ने हमारे चुनाव में विरोध किया था
आशीष दुबे को लोकसभा की टिकट की घोषणा होते ही पूर्व मंत्री व पाटन विधायक अजय विश्नोई का दर्द फूट पड़ा। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि आशीष दुबे ने हमारे चुनाव में पार्टी के विरोध में काम किया था, हमें यह भूलना होगा और भाजपा को जिताना ही लक्ष्य होगा। ज्ञात हो कि पाटन विधानसभा सीट से दुबे भी दावेदार थे। तब उनके और विश्नोई के बीच तल्खी सामने आई थी।
भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी सराहा
दुबे के सांसद प्रत्याशी घोषित होने पर कांग्रेस प्रवक्ता राजा पाण्डेय ने कहा कि भाजपा ने नए चेहरे व युवा प्रत्याशी को अवसर देकर अच्छा निर्णय लिया है। वहीं भाजपा नगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने कहा कि पार्टी ने जमीनी कार्यकर्ता को सम्मान दिया है। विधायक अभिलाष पाण्डेय ने कहा कि दुबे ने संगठन कार्य बखूबी किया है।
दोहरी खुशी, बोले- यह भाजपा ही कर सकती है
प्रत्याशी बनने के बाद पहली प्रतिक्रिया में आशीष ने कहा कि ऐसा भाजपा में ही संभव है। इस बार भी बहुमत पिछले चुनाव से बढकऱ आएगा। विधायक अजय विश्नोई के बयान पर कहा कि वे वरिष्ठ नेता हैं, उनका ट्वीट अभी नहीं देखा है। आशीष के परिवार के लिए दोहरी खुशी आई है। उनके भाई की साली सरोज पाण्डेय छत्तीसगढ़ के कोरबा से उम्मीदवार घोषित की गई हैं। आशीष रविवार को शहर आकर पार्टी कार्यालय जाएंगे।
पिता लड़ चुके महापौर चुनाव
आशीष दुबे वर्तमान में प्रदेश मंत्री के पद पर हैं। वे 1990 भाजपा में सक्रिय हैं और पहली बार भाजयुमो के पदाधिकारी बने थे। वे भाजपा के जिला ग्रामीण अध्यक्ष, बाद में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और प्रदेश कार्यकारिणी में मंत्री बनाए गए। उनके पिता अम्बिकेश्वर दुबे भी भाजपा के नगर अध्यक्ष रह चुके थे और भाजपा की टिकट पर महापौर का चुनाव लड़ चुके थे। वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आशीष दुबे करीबी माने जाते हंै। संघ में भी मजबूत पकड़ हैं।
मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News
हर बार नाम उछला, नम्बर अब आया
जबलपुर में चुनाव कोई भी हो पर आशीष का नाम हर बार उछलता था। पहले महापौर टिकट के दावेदार, फिर 2023 के विधानसभा चुनाव में शहर की उत्तर और ग्रामीण में पाटन विधानसभा सीट से नाम आगे आया पर निराशा ही हाथ लगी। अब सीधे लोकसभा सीट के लिए नम्बर लग गया।
कई नेता मायूस
विधानसभा चुनाव की ही तरह लोकसभा में भी कई नेताओं को मायूसी मिली है। जबलपुर की लोकसभा सीट में भाजपा का नया चेहरा कौन होगा, इसके दावेदारों में भाजपा नगर अध्यक्ष प्रभात साहू, पूर्व महापौर सदानंद गोडबोले, धीरज पटेरिया, ग्रामीण अध्यक्ष रानू सुभाष तिवारी, प्रशांत पोल आदि के नाम सामने आ रहे थे।
विश्नोई का दर्द- भूलना होगा, दुबे ने हमारे चुनाव में विरोध किया था
आशीष दुबे को लोकसभा की टिकट की घोषणा होते ही पूर्व मंत्री व पाटन विधायक अजय विश्नोई का दर्द फूट पड़ा। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि आशीष दुबे ने हमारे चुनाव में पार्टी के विरोध में काम किया था, हमें यह भूलना होगा और भाजपा को जिताना ही लक्ष्य होगा। ज्ञात हो कि पाटन विधानसभा सीट से दुबे भी दावेदार थे। तब उनके और विश्नोई के बीच तल्खी सामने आई थी।
भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी सराहा
दुबे के सांसद प्रत्याशी घोषित होने पर कांग्रेस प्रवक्ता राजा पाण्डेय ने कहा कि भाजपा ने नए चेहरे व युवा प्रत्याशी को अवसर देकर अच्छा निर्णय लिया है। वहीं भाजपा नगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने कहा कि पार्टी ने जमीनी कार्यकर्ता को सम्मान दिया है। विधायक अभिलाष पाण्डेय ने कहा कि दुबे ने संगठन कार्य बखूबी किया है।
दोहरी खुशी, बोले- यह भाजपा ही कर सकती है
प्रत्याशी बनने के बाद पहली प्रतिक्रिया में आशीष ने कहा कि ऐसा भाजपा में ही संभव है। इस बार भी बहुमत पिछले चुनाव से बढकऱ आएगा। विधायक अजय विश्नोई के बयान पर कहा कि वे वरिष्ठ नेता हैं, उनका ट्वीट अभी नहीं देखा है। आशीष के परिवार के लिए दोहरी खुशी आई है। उनके भाई की साली सरोज पाण्डेय छत्तीसगढ़ के कोरबा से उम्मीदवार घोषित की गई हैं। आशीष रविवार को शहर आकर पार्टी कार्यालय जाएंगे।
पिता लड़ चुके महापौर चुनाव
आशीष दुबे वर्तमान में प्रदेश मंत्री के पद पर हैं। वे 1990 भाजपा में सक्रिय हैं और पहली बार भाजयुमो के पदाधिकारी बने थे। वे भाजपा के जिला ग्रामीण अध्यक्ष, बाद में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और प्रदेश कार्यकारिणी में मंत्री बनाए गए। उनके पिता अम्बिकेश्वर दुबे भी भाजपा के नगर अध्यक्ष रह चुके थे और भाजपा की टिकट पर महापौर का चुनाव लड़ चुके थे। वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आशीष दुबे करीबी माने जाते हंै। संघ में भी मजबूत पकड़ हैं।