अनदेखी : एक ही शिक्षक को एक ही दिन चुनाव और विभागीय प्रशिक्षण में लगी ड्यूटी
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अनदेखी : एक ही शिक्षक को एक ही दिन चुनाव और विभागीय प्रशिक्षण में लगी ड्यूटी
डीएम ने 24 अप्रैल को चुनाव प्रशिक्षण तो डीईओ ने विभागीय प्रशिक्षण में किया प्रतिनियुक्त
हाईस्कूलों के 100 प्राचार्यों को 22 से 27 तक पटना में दिया जाना है 6 दिवसीय प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग के अधिकारी ने सूची बनाने में नहीं रखा चुनाव प्रशिक्षण का ध्यान
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की गलती से शिक्षकों के सामने बने धर्मसंकट के हालात
फोटो :
डीईओ ऑफिस : जिला शिक्षा कार्यालय का भवन।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
शिक्षा विभाग में अधिकारियों की मनमानी व अनदेखी का मामला जगजाहिर है। रविवार को चौंकाने वाला एक नया मामला सामने आया है। या यूं कहें कि डीएम व डीईओ सामने खड़े हैं। डीएम शशांक शुभंकर ने गिरियक प्रखंड के पोखरपुर स्कूल के एचएम आलोक कुमार, इस्लामपुर प्रखंड के ब्रह्मगावां उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय के एचएम शिवजी पासवान समेत अन्य को 24 अप्रैल 2024 को बिहारशरीफ में चुनाव कार्य का प्रशिक्षण के लिए प्रतिनियुक्त किया है। जबकि, डीईओ राजकुमार ने इन्हीं शिक्षकों को 22 से 27 अप्रैल तक पटना में छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के लिए प्रतिनियुक्त किया है।
शिक्षा विभाग के पत्र के अनुसार शिक्षक को हर हाल में 21 अप्रैल तक प्रशिक्षण केन्द्र में योगदान करने का आदेश दिया है। इस तरह की प्रतिनियुक्ति से शिक्षक के सामने धर्मसंकट की स्थिति बन गयी है। अधिकारियों की अनदेखी का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ सकता है। विभागीय प्रशिक्षण में अनुपस्थित होने पर अपर मुख्य सचिव द्वारा कार्रवाई का डर तो चुनाव का प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर डीएम द्वारा कार्रवाई करने का डर सता रहा है। मार्च में हुए प्रशिक्षण में शामिल नहीं होने वाले दो दर्जन से अधिक शिक्षकों का वेतन बंद कर दिया गया था।
जांच हुई तो खुलेगी गड़बड़ियों की भरमार :
जानकारों ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा सूची बनाने में सावधानी नहीं बरतने से इस तरह का मामला सामने आता है। जिम्मेवार अधिकारी भी बिना सूची का अवलोकन किये बिना ही कर्मी पर भरोसा कर आंख बंद कर पत्र जारी कर देते हैं। इसी का नतीजा है कि इस तरह का मामला सामने आ गया। एक-दो शिक्षकों की एक ही तिथि में दो जगह प्रतिनियुक्ति केवल उदाहरण के रूप में है। यदि वरीय अधिकारी से इस मामले को गंभीरता से जांच करायी जाए तो कई शिक्षकों को चुनाव प्रशिक्षण व विभागीय प्रशिक्षण में प्रतिनियुक्त करने में चौंकाने वाली बात सामने आ सकती है।
अधिकारी बोले :
एक ही शिक्षक को दो स्थानों पर ड्यूटी देने का मामला संज्ञान में आया है। यह मानवीय भूल हो सकती है। लेकिन, बार-बार गड़बड़ी की पुनरावृत्ति असहनीय है। मामले की जांच करायी जाएगी। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
राज कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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अनदेखी : एक ही शिक्षक को एक ही दिन चुनाव और विभागीय प्रशिक्षण में लगी ड्यूटी
डीएम ने 24 अप्रैल को चुनाव प्रशिक्षण तो डीईओ ने विभागीय प्रशिक्षण में किया प्रतिनियुक्त
हाईस्कूलों के 100 प्राचार्यों को 22 से 27 तक पटना में दिया जाना है 6 दिवसीय प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग के अधिकारी ने सूची बनाने में नहीं रखा चुनाव प्रशिक्षण का ध्यान
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की गलती से शिक्षकों के सामने बने धर्मसंकट के हालात
फोटो :
डीईओ ऑफिस : जिला शिक्षा कार्यालय का भवन।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
शिक्षा विभाग में अधिकारियों की मनमानी व अनदेखी का मामला जगजाहिर है। रविवार को चौंकाने वाला एक नया मामला सामने आया है। या यूं कहें कि डीएम व डीईओ सामने खड़े हैं। डीएम शशांक शुभंकर ने गिरियक प्रखंड के पोखरपुर स्कूल के एचएम आलोक कुमार, इस्लामपुर प्रखंड के ब्रह्मगावां उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय के एचएम शिवजी पासवान समेत अन्य को 24 अप्रैल 2024 को बिहारशरीफ में चुनाव कार्य का प्रशिक्षण के लिए प्रतिनियुक्त किया है। जबकि, डीईओ राजकुमार ने इन्हीं शिक्षकों को 22 से 27 अप्रैल तक पटना में छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के लिए प्रतिनियुक्त किया है।
शिक्षा विभाग के पत्र के अनुसार शिक्षक को हर हाल में 21 अप्रैल तक प्रशिक्षण केन्द्र में योगदान करने का आदेश दिया है। इस तरह की प्रतिनियुक्ति से शिक्षक के सामने धर्मसंकट की स्थिति बन गयी है। अधिकारियों की अनदेखी का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ सकता है। विभागीय प्रशिक्षण में अनुपस्थित होने पर अपर मुख्य सचिव द्वारा कार्रवाई का डर तो चुनाव का प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर डीएम द्वारा कार्रवाई करने का डर सता रहा है। मार्च में हुए प्रशिक्षण में शामिल नहीं होने वाले दो दर्जन से अधिक शिक्षकों का वेतन बंद कर दिया गया था।
जांच हुई तो खुलेगी गड़बड़ियों की भरमार :
जानकारों ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा सूची बनाने में सावधानी नहीं बरतने से इस तरह का मामला सामने आता है। जिम्मेवार अधिकारी भी बिना सूची का अवलोकन किये बिना ही कर्मी पर भरोसा कर आंख बंद कर पत्र जारी कर देते हैं। इसी का नतीजा है कि इस तरह का मामला सामने आ गया। एक-दो शिक्षकों की एक ही तिथि में दो जगह प्रतिनियुक्ति केवल उदाहरण के रूप में है। यदि वरीय अधिकारी से इस मामले को गंभीरता से जांच करायी जाए तो कई शिक्षकों को चुनाव प्रशिक्षण व विभागीय प्रशिक्षण में प्रतिनियुक्त करने में चौंकाने वाली बात सामने आ सकती है।
अधिकारी बोले :
एक ही शिक्षक को दो स्थानों पर ड्यूटी देने का मामला संज्ञान में आया है। यह मानवीय भूल हो सकती है। लेकिन, बार-बार गड़बड़ी की पुनरावृत्ति असहनीय है। मामले की जांच करायी जाएगी। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
राज कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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