अधिवक्ताओं को मिली मल्टीलेवल पार्किंग और नए चैंबर्स सुविधा शुरू: 680 करोड़ की लागत से बना मल्टीलेवल कॉम्प्लेक्स, 3200 वाहनों की पार्किंग क्षमता – Prayagraj (Allahabad) News h3>
प्रयागराज11 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
Advertising
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत और आधुनिक सुविधा की सौगात के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में 680 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित “मल्टी लेवल पार्किंग एवं अधिवक्ता कक्ष भवन” का मंगलवार से संचालन शुरू हो गया है। यह भवन 31 मई 2025 को भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण और केंद्रीय राज्य मंत्री (कानून एवं न्याय) की गरिमामयी उपस्थिति में उद्घाटित किया गया था।
Advertising
इस परियोजना में लगभग 2200 दोपहिया और 1000 चारपहिया वाहनों के पार्किंग की सुविधा विकसित की गई है, जो कि हाईकोर्ट परिसर के अब तक के इतिहास में सबसे बड़ा पार्किंग इनफ्रास्ट्रक्चर है। इसके अतिरिक्त, करीब 2500 से अधिक अधिवक्ता कक्ष (चैंबर्स) बनाए गए हैं, जिनका आवंटन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
यह पूरी संरचना बहुस्तरीय है, जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर दोपहिया वाहनों और प्रथम तल पर चारपहिया वाहनों के लिए परीक्षणात्मक (ट्रायल) पार्किंग की शुरुआत की गई है। यह सुविधा केवल उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं, उनके क्लर्कों और कर्मचारियों के लिए है, और परिसर में प्रवेश केवल वैध पहचान पत्र दिखाने पर ही मिलेगा। पार्किंग का समय प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक निर्धारित किया गया है।
इस भवन का निर्माण इस उद्देश्य से किया गया है कि हाईकोर्ट परिसर के आसपास की अव्यवस्थित और अनधिकृत पार्किंग से मुक्ति दिलाई जा सके। हाल ही में नगर निगम द्वारा किए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत सड़क किनारे से अधिवक्ताओं की कुर्सी-मेज हटाए जाने के बाद यह मांग और भी मुखर हो गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट प्रशासन ने नई सुविधा को शीघ्रता से अधिवक्ताओं के उपयोग हेतु खोल दिया।
Advertising
स्वच्छता बनाए रखने को लेकर भी सख्त नियम लागू किए गए हैं। परिसर में पान, गुटखा व किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पादों का सेवन और थूकना पूरी तरह प्रतिबंधित है। उल्लंघन की स्थिति में ₹2000 का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही परिसर में कोई भी निजी सामान लाकर रखना पूर्णतः निषिद्ध है—ऐसा कुछ पाए जाने पर उसे बिना सूचना हटाया जाएगा।
खबरें और भी हैं…
उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News
Advertising
प्रयागराज11 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत और आधुनिक सुविधा की सौगात के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में 680 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित “मल्टी लेवल पार्किंग एवं अधिवक्ता कक्ष भवन” का मंगलवार से संचालन शुरू हो गया है। यह भवन 31 मई 2025 को भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण और केंद्रीय राज्य मंत्री (कानून एवं न्याय) की गरिमामयी उपस्थिति में उद्घाटित किया गया था।
इस परियोजना में लगभग 2200 दोपहिया और 1000 चारपहिया वाहनों के पार्किंग की सुविधा विकसित की गई है, जो कि हाईकोर्ट परिसर के अब तक के इतिहास में सबसे बड़ा पार्किंग इनफ्रास्ट्रक्चर है। इसके अतिरिक्त, करीब 2500 से अधिक अधिवक्ता कक्ष (चैंबर्स) बनाए गए हैं, जिनका आवंटन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
यह पूरी संरचना बहुस्तरीय है, जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर दोपहिया वाहनों और प्रथम तल पर चारपहिया वाहनों के लिए परीक्षणात्मक (ट्रायल) पार्किंग की शुरुआत की गई है। यह सुविधा केवल उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं, उनके क्लर्कों और कर्मचारियों के लिए है, और परिसर में प्रवेश केवल वैध पहचान पत्र दिखाने पर ही मिलेगा। पार्किंग का समय प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक निर्धारित किया गया है।
इस भवन का निर्माण इस उद्देश्य से किया गया है कि हाईकोर्ट परिसर के आसपास की अव्यवस्थित और अनधिकृत पार्किंग से मुक्ति दिलाई जा सके। हाल ही में नगर निगम द्वारा किए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत सड़क किनारे से अधिवक्ताओं की कुर्सी-मेज हटाए जाने के बाद यह मांग और भी मुखर हो गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट प्रशासन ने नई सुविधा को शीघ्रता से अधिवक्ताओं के उपयोग हेतु खोल दिया।
स्वच्छता बनाए रखने को लेकर भी सख्त नियम लागू किए गए हैं। परिसर में पान, गुटखा व किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पादों का सेवन और थूकना पूरी तरह प्रतिबंधित है। उल्लंघन की स्थिति में ₹2000 का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही परिसर में कोई भी निजी सामान लाकर रखना पूर्णतः निषिद्ध है—ऐसा कुछ पाए जाने पर उसे बिना सूचना हटाया जाएगा।