अगवा कर हत्या करने वाले को उम्र कैद: मुरादाबाद कोर्ट का फैसला, 15 हजार का जुर्माना भी लगाया – Moradabad News

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अगवा कर हत्या करने वाले को उम्र कैद:  मुरादाबाद कोर्ट का फैसला, 15 हजार का जुर्माना भी लगाया – Moradabad News
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अगवा कर हत्या करने वाले को उम्र कैद: मुरादाबाद कोर्ट का फैसला, 15 हजार का जुर्माना भी लगाया – Moradabad News

मुरादाबाद की एससी एसटी कोर्ट ने एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने किसान करन सिंह की हत्या के मामले में आरोपी नन्हें को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गय

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यह मामला 16 अगस्त 2006 का है, जब भोजपुर थाना क्षेत्र के अटरिया गांव निवासी नन्हें ने करन सिंह को घर से बुलाकर ले गया था। इसके बाद करन सिंह घर वापस नहीं आया। जब करन सिंह की पत्नी ने नन्हें से उनके पति के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि करन सिंह पुलिस की मुखबिरी करता था, इसलिए उसने उसकी हत्या करा दी है।

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पुलिस ने इस मामले में आरोपी नन्हें को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ कोर्ट में अपहरण और एससी एसटी एक्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी।

न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद नन्हें को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बचाव पक्ष ने दावा किया था कि नन्हें को राजनीतिक रंजिश में फंसाया गया है, लेकिन अदालत ने इसे नहीं माना।

सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजन आनंद पाल सिंह ने पक्ष रखा और मुलजिम को कड़ी सजा दिलाने की मांग की। उन्होंने अदालत में दलीलें देते हुए कहा कि नन्हें ने अपनी राजनीतिक रंजिश के चलते करन सिंह की हत्या करवाई थी।

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अदालत ने नन्हें को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ-साथ उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला एससी एसटी कोर्ट के न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने सुनाया।

मामले की शुरुआत 23 जून 2007 को हुई थी, जब करन सिंह की पत्नी ने भोजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उसने बताया था कि नन्हें ने उसके पति को अगवा कर लिया है और वह घर वापस नहीं आया है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश संदीप गुप्ता स्पेशल एससी एसटी कोर्ट में चली। जिसमें सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजन आनंद पाल सिंह ने पक्ष रखा और मुलजिम को कड़ी सजा दिलाने की मांग की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलीलें दी कि नन्हें को राजनीति रंजिश में फंसा गया है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुलजिम नन्हें को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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