अक्षय ‘पैडमैन’ बनाए तो ठीक, हम बांटे तो विवाद: महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा बोली- दिल्ली में हमने केजरीवाल से खुदको अलग किया, बिहार में बदलाव होकर रहेगा – Patna News

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अक्षय ‘पैडमैन’ बनाए तो ठीक, हम बांटे तो विवाद:  महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा बोली- दिल्ली में हमने केजरीवाल से खुदको अलग किया, बिहार में बदलाव होकर रहेगा – Patna News
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अक्षय ‘पैडमैन’ बनाए तो ठीक, हम बांटे तो विवाद: महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा बोली- दिल्ली में हमने केजरीवाल से खुदको अलग किया, बिहार में बदलाव होकर रहेगा – Patna News

विधानसभा चुनाव से पहले महिला कांग्रेस ने बिहार में 5 लाख महिलाओं को 25 लाख सैनिटरी पैड बांटने की घोषणा की है। वहीं अब पैड के बॉक्स पर राहुल गांधी की तस्वीर पर चर्चा शुरू हो गई।

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महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि जब पैडमैन फिल्म अक्षय कुमार की थी, तब किसी ने इस पर विवाद नहीं किया। इस पर अक्षय कुमार फिल्म बनाए तो ठीक है, मगर राहुल गांधी की तस्वीर लगने से समस्या है।

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वही, अरविंद केजरीवाल के इंडिया से अलग चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि वह हमसे अलग नहीं हुए हैं, बल्कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हमने उन्हें खुद से अलग कर दिया है। दिल्ली चुनाव में उन्हें अपनी सीट गंवानी पड़ी। अब कहीं ना कहीं धक्के खा रहे हैं और अपना भविष्य खोज रहे हैं। बिहार के भविष्य की उन्हें कोई चिंता नहीं है।

बिहार कांग्रेय कार्यालय में पार्टी नेताओं के साथ अलका लांबा।

अलका लांबा ने दैनिक NEWS4SOCIALसे खास बातचीत की…

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बिहार में कांग्रेस तैयारियों में जुट गई है। चुनाव में क्या मुद्दा रहेगा, जिस पर वोटरों को साधने की कोशिश होगी ?

जवाब- जो देश के मुद्दे हैं, वही बिहार के भी मुद्दे हैं। बढ़ती बेरोजगारी, महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। इसमें भी बच्चियों का मुख्य मुद्दा है। पिछले महीने ही मुजफ्फरपुर की 10 साल की बच्ची के साथ रेप हुआ था।

अभी सरेआम अपराधियों ने व्यापारी की हत्या कर दी है। बिहार में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। यहां NDA की सरकार फेल हो गई है। लोग बहुत गुस्से में हैं और वह अब बदलाव चाहते हैं। बिहार में बदलाव होने से अब कोई नहीं रोक सकता।

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सैनिटरी पैड के डिब्बे पर राहुल गांधी की है फोटो।

सैनिटरी पैड के डिब्बे पर राहुल गांधी की फोटो चर्चा का विषय बना हुआ है। NDA इसे मुद्दा बना रही है।

जवाब- बिहार के 5 लाख महिलाओं को 25 लाख पैड महिला कांग्रेस बांटेगी। इसके डिब्बे को लेकर विवाद है कि फोटो राहुल गांधी की है, मगर इसमें तो प्रियंका गांधी की भी तस्वीर है। ऐसे में जो काम डबल इंजन की सरकार करने में फेल हो गई है, वह राहुल गांधी के नेतृत्व में महिला कांग्रेस ने कर दिखाया है। हम तो इस पैड को फ्री में दे रहे हैं।

बेगूसराय और वैशाली जिले में महिलाओं को फ्री में सैनेटरी पैड बनाने की ट्रेनिंग दी गई, उन्हें फ्री में कच्चा माल दिया। मुझे खुशी है कि बिहार की हमारी बहनें काम कर रही है, कमाई कर रही है। यह पैड बनाकर लाखों बहनों के भविष्य को अंधकार से मुक्ति दिला रही हैं, क्योंकि महिलाएं महावारी में कपड़ा इस्तेमाल कर बीमारी को आमंत्रण दे रही हैं।

NCRB का डेटा कहता है कि आज भी बिहार में 100 में से 60 महिलाएं कपड़ा इस्तेमाल कर रही हैं और गंभीर बीमारी का शिकार हो रही हैं। इसके कारण का हमने सर्वे किया। हमने स्कूल की बच्चियों से पूछा कि क्या उनको स्कूल में फ्री पैड मिल रहा है ? उन्होंने ना कहा। फिर हमने कहा कि सरकार सालाना 300 पैड खरीदने के लिए पैसे देती है, तो उन्होंने कहा कि ऐसे कोई पैसे हमारे खाते में नहीं आते हैं और हम कपड़ा ही इस्तेमाल करते हैं।

BJP कह रही है, राहुल गांधी अपना प्रचार कर रहे हैं। पैड पर उनकी फोटो महिलाओं का अपमान है ?

जवाब- यह अपमान तब विपक्ष को याद क्यों नहीं आता है जब आधुनिक भारत में बेटियां पैड की जगह कपड़ा इस्तेमाल करती हैं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित होती है। वहीं अगर तस्वीर की ही बात है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी पैड के ऐड में एक तस्वीर है, जिसमें 1 रुपए का पैड बेचने की बात की जा रही है।

यह मुद्दे से भटकाने के लिए और अपनी नाकामी को छुपाने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं। मैं यही कहूंगी कि अपनी सोच बदलिए। पैडमैन फिल्म अक्षय कुमार की थी, तब किसी ने इसपर विवाद क्यों नहीं किया। इसपर मूवी एक आदमी ने बनाया है। अक्षय कुमार बनाए तो ठीक है, मगर राहुल गांधी की तस्वीर लगने से समस्या है।

हर जगह केमिस्ट की दुकान पर पुरुष ही पैड देते दिखाई पड़ते हैं। वही मैन्युफैक्चर भी करते हैं, मगर हम जब कहते हैं कि महिलाएं ही इसे बनाएंगी, महिलाएं कमाएंगी, महिलाएं देंगी और महिलाएं ही इसे इस्तेमाल करेंगी। महिलाओं का ही हर तरह से सशक्तिकरण होगा, तो महिला विरोधी NDA खड़ा हो गया है। वह किसी भी तरह से इस योजना को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

डिब्बे पर राहुल गांधी की फोटो लगाने की जरूरत क्यों ? आईडिया कहां से आया ?

दरअसल यह पूरा आईडिया ही राहुल गांधी का है। राहुल गांधी चाहते हैं कि भारत की बहन-बेटियां पीरियड के समय कपड़ा मुक्त हो। उन्हें काम दें, कमाई दे ताकि वह अपने आप को सशक्त बना सके। यह हम सबकी जिम्मेदारी है, लेकिन NDA की सरकार तो निकम्मी है। इसलिए महिला कांग्रेस ने यह जिम्मेदारी ली है।

तेजस्वी यादव भी माई बहिन मान योजना की घोषणा कर चुके हैं।

कांग्रेस ने माई बहिन मान योजना की घोषणा की है, लेकिन पहले तेजस्वी इसकी घोषणा कर चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस, तेजस्वी का क्रेडिट छीनना चाहती है।

नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। 2500 रुपए वाली योजना पर उनकी भी राय और हमारी भी राय एक ही है। हमारी सरकार बनते ही हर महीने की पहली तारीख को हमारी बहन-बेटियों के खाते में 2500 रुपए आएगी।

अभी यह काम हम कर रहे हैं फिर इंडिया एयरलाइंस की सरकार आ जाएगी तो वह मिलकर इसे करेगी। जो राहुल गांधी की सोच है वही तेजस्वी की सोच है। इंडिया गठबंधन में मिलकर सहमति हुई है कि हमें कर्नाटक, तेलंगाना सरकार की तर्ज पर बिहार में भी महिलाओं को सशक्त करना है। विवाद तो तब होता है जहां सहमति न हो।

‘अरविंद केजरीवाल को बिहार के भविष्य की उन्हें कोई चिंता नहीं है’

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बाद बिहार में भी खुद को INDIA गठबंधन से अलग कर लिया है। अब कह रहे हैं बिहार में अकेले चुनाव लड़ेंगे ?

वह हमसे अलग नहीं हुए हैं, बल्कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हमने उन्हें खुद से अलग कर दिया है। हमें मालूम था कि दिल्ली की जनता उन्हें नकारने वाली है। अरविंद केजरीवाल दिल्ली का चुनाव हारते हैं। उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया ने अपनी सीट बदल ली मगर फिर भी चुनाव हार गए।

इन सभी पर भ्रष्टाचार और शराब नीति के तहत आपराधिक मामले चल रहे हैं। उन्हें अपनी सीट गंवानी पड़ी। अब कहीं ना कहीं धक्के खा रहे हैं और अपना भविष्य खोज रहे हैं। बिहार के भविष्य की उन्हें कोई चिंता नहीं है। अपने भविष्य अपने पार्टी की चिंता में उनका मुखिया दर-दर की ठोकरे खा रहा है। कहां थे वह पिछले 5 साल से ? बिहार के धरती पर उन्होंने कौन से आंदोलन किए हैं ? कब यहां आए, किसके साथ खड़े रहे ? अगर इनके साथ कोई खड़ा रहा है तो वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी थे।

2020 चुनाव में महागठबंधन की हार का ठीकरा कांग्रेस पर फूटा था। आखिर कहां गलती हुई थी, जिसे इस बार सुधारने की कोशिश की जा रही है ?

हमेशा कुछ प्लस तो कुछ माइंस होता है। हमारा प्लस पॉइंट यह था कि हमने उतनी सीटें पाई। माइनस यह रहा कि हम जितनी सीटों पर जीत की उम्मीद कर रहे थे नंबर वैसे नहीं आए। पिछले 5 सालों में इस पर गहन मंथन हुआ है। इसे देखते हुए संगठन में जहां फेर बदल करने थे वह हुए भी हैं। इस चुनाव में यकीनन हमें उससे बेहतर रिजल्ट मिलेंगे।

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